MP Weather Today: बर्फीली हवाओं की गिरफ्त में मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश इन दिनों कड़ाके की ठंड से जूझ रहा है। राजधानी भोपाल में लगातार तीसरे दिन शीतलहर का असर है। वहीं इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और अन्य जिलों में भी दिन का तापमान सामान्य से काफी नीचे है। मौसम विभाग ने कई जगहों पर कोल्ड डे और कोल्ड वेव का अलर्ट जारी किया है।
मौसम विशेषज्ञ अरुण शर्मा के मुताबिक, प्रदेश में ठंडी हवाओं का असर अगले दो दिन तक रहेगा। भोपाल में शीतलहर का ऑरेंज अलर्ट जारी है। रविवार को भी भोपाल और शहडोल में ठंडी हवाओं ने लोगों को दिनभर सर्दी का एहसास कराया।
न्यूनतम तापमान में गिरावट
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शुक्रवार-शनिवार की रात राजधानी भोपाल का तापमान 7 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। इंदौर और ग्वालियर में 8.4 डिग्री, जबकि जबलपुर में 8.6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। शहडोल का कल्याणपुर प्रदेश का सबसे ठंडा इलाका रहा, जहां रात का तापमान 4.3 डिग्री दर्ज हुआ। पचमढ़ी में रात का तापमान 5.4 डिग्री था। इसके अलावा उमरिया, राजगढ़, रीवा, मलाजखंड, मंडला, खजुराहो, नरसिंहपुर, शिवपुरी, छिंदवाड़ा, रायसेन, बैतूल, सतना, सीधी, दमोह और श्योपुर जैसे कई शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे रहा।
ठंड क्यों बढ़ी?
मौसम विभाग के अनुसार, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ की वजह से बर्फबारी और बारिश हो रही है। इसी सिस्टम से निकलने वाली ठंडी उत्तर-उत्तर पश्चिमी हवाएं सीधे मध्यप्रदेश तक पहुंच रही हैं। पिछले तीन दिनों से ये हवाएं प्रदेश को ठिठुरने पर मजबूर कर रही हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके ग्वालियर, चंबल, उज्जैन, भोपाल और सागर संभाग हैं। इन क्षेत्रों में दिन और रात दोनों समय सर्दी का असर ज्यादा महसूस किया जा रहा है।
मौसम विभाग ने कहा है कि अगले 48 घंटे तक प्रदेश में ठंड का असर रहेगा। कई जगहों पर शीतलहर और कोल्ड डे की स्थिति एक साथ देखने को मिल सकती है। भोपाल और इंदौर जैसे बड़े शहरों में इसका असर ज्यादा रहेगा। साथ ही, पाकिस्तान के ऊपर एक और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है, जिससे हिमालयी क्षेत्र में बर्फबारी और बारिश बढ़ सकती है। इसका सीधा असर प्रदेश में ठंडी हवाओं के लगातार चलने के रूप में दिखेगा।
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दिसंबर में भी टूट सकते हैं रिकॉर्ड
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, इस साल सर्दी सामान्य से ज्यादा तीखी है। भोपाल में नवंबर में ही 84 साल पुराना रिकॉर्ड टूट चुका है। इंदौर में 25 साल में सबसे ठंडी नवंबर की रात दर्ज हुई। मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के मुताबिक, इस साल उत्तर भारत में नवंबर के शुरू में ही बर्फबारी शुरू हो गई थी, जिससे ठंडी हवाओं को तेजी मिली। हालांकि, आखिरी सप्ताह में हवाओं की दिशा बदलने से कुछ समय के लिए राहत मिली।
इस समय प्रदेश के लोग सर्दी से बचने के लिए गर्म कपड़े पहन रहे हैं और अलाव या हीटर का इस्तेमाल कर रहे हैं। बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा सावधानी रखने की सलाह दी गई है।
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