एम्स से सुभाष नगर तक मेट्रो सेवा शुरू, भोपाल बनेगा तेज़, सुरक्षित और पर्यावरण अनुकूल राजधानी


भोपाल को मिली आधुनिक परिवहन की सौगात

भोपाल। देश के दिल मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल आज एक ऐतिहासिक पल की साक्षी बनने जा रही है। लंबे इंतज़ार के बाद शुक्रवार से भोपाल में मेट्रो रेल सेवा की औपचारिक शुरुआत होने जा रही है। यह शुभारंभ मुख्यमंत्री मोहन यादव और केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल द्वारा किया जाएगा। शाम चार बजे कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में मेट्रो परियोजना का उद्घाटन होगा, जिसके बाद सुभाष नगर मेट्रो स्टेशन से मेट्रो को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा।

मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री करेंगे मेट्रो में यात्रा

शुभारंभ कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल स्वयं मेट्रो में यात्रा करेंगे। दोनों सुभाष नगर स्टेशन से मेट्रो में सवार होकर एम्स तक का सफर तय करेंगे और वहां मीडिया से संवाद भी करेंगे। इस अवसर पर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी विशेष रूप से मौजूद रहेंगे। यह यात्रा केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि आम नागरिकों के लिए मेट्रो की तैयारियों और सुविधाओं का प्रत्यक्ष संदेश भी होगी।

30.8 किलोमीटर लंबी भोपाल मेट्रो परियोजना

भोपाल मेट्रो परियोजना कुल 30.8 किलोमीटर लंबी है, जो शहर के शहरी परिवहन को नई दिशा देने जा रही है। इस परियोजना में दो कॉरिडोर लाइनें और एक डिपो शामिल है। ऑरेंज लाइन की कुल लंबाई 16.74 किलोमीटर है, जबकि ब्लू लाइन 14.16 किलोमीटर लंबी है। यह दोनों लाइनें शहर के प्रमुख व्यावसायिक, शैक्षणिक और आवासीय क्षेत्रों को जोड़ते हुए यातायात के दबाव को कम करेंगी और नागरिकों को समयबद्ध, सुरक्षित तथा सुलभ यात्रा का विकल्प प्रदान करेंगी।

METRO
METRO

पहले चरण में एम्स से सुभाष नगर तक मेट्रो सेवा

भोपाल मेट्रो के पहले चरण में ऑरेंज लाइन के प्रायोरिटी कॉरिडोर का शुभारंभ किया जा रहा है। यह लगभग 7 किलोमीटर लंबा रेल खंड है, जिसमें कुल 8 एलिवेटेड स्टेशन बनाए गए हैं। इस कॉरिडोर में एम्स, अलकापुरी, डीआरएम ऑफिस, रानी कमलापति स्टेशन, एमपी नगर, बोर्ड ऑफिस चौराहा, केंद्रीय विद्यालय और सुभाष नगर स्टेशन शामिल हैं। यह मार्ग भोपाल के सबसे व्यस्त इलाकों से होकर गुजरता है और इससे रोजमर्रा के यातायात को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।

10 हजार करोड़ से अधिक की लागत वाली महत्वाकांक्षी परियोजना

भोपाल मेट्रो परियोजना की कुल अनुमानित लागत 10 हजार 33 करोड़ रुपए से अधिक है। इसमें केवल प्रायोरिटी कॉरिडोर पर लगभग 2 हजार 225 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। पहले चरण में शुरू हो रहे 7 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर पर प्रतिदिन लगभग 3 हजार यात्रियों के सफर करने का अनुमान लगाया गया है, जो आने वाले समय में तेजी से बढ़ सकता है।

आधुनिक तकनीक और सुविधाओं से लैस मेट्रो

भोपाल मेट्रो को पूरी तरह आधुनिक और यात्री-अनुकूल बनाया गया है। सभी स्टेशनों पर हाई-स्पीड लिफ्ट और एस्केलेटर की सुविधा उपलब्ध है, जिससे यात्रियों को प्लेटफॉर्म तक पहुंचने में आसानी होगी। दिव्यांगजनों के लिए सुगम प्रवेश, व्हीलचेयर सुविधा और ब्रेल साइनज की व्यवस्था की गई है, ताकि हर वर्ग के लोग बिना किसी बाधा के यात्रा कर सकें।

सुरक्षा, ऊर्जा बचत और स्मार्ट सिस्टम पर विशेष ध्यान

यात्रियों की सुरक्षा के लिए मेट्रो स्टेशनों और ट्रेनों में एआई आधारित सीसीटीवी निगरानी, प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर और उन्नत सिग्नलिंग सिस्टम लगाया गया है। ऊर्जा संरक्षण के लिए रीजेनेरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम और सोलर पावर का उपयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही मेट्रो को पूरी तरह वातानुकूलित रखा गया है, जिसमें आरामदायक सीटिंग, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट, ऑडियो-विजुअल यात्री सूचना प्रणाली और हाई-टेक ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर जैसी सुविधाएं शामिल हैं।

भोपाल के भविष्य की दिशा तय करेगी मेट्रो

भोपाल मेट्रो केवल एक परिवहन परियोजना नहीं, बल्कि शहर की प्रगति और आधुनिक पहचान का प्रतीक है। यह परियोजना न केवल यातायात को सुगम बनाएगी, बल्कि प्रदूषण को कम करने, ईंधन की बचत और नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में भी अहम भूमिका निभाएगी। मेट्रो के शुभारंभ के साथ भोपाल एक स्मार्ट, हरित और सुलभ राजधानी बनने की दिशा में निर्णायक कदम बढ़ा रहा है।

स्वदेश ज्योति के द्वारा | और भी दिलचस्प खबरें आपके लिए… सिर्फ़ स्वदेश ज्योति पर!

तमिलनाडु में नर्सों का आंदोलन तेज: स्टालिन सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, गिरफ्तारी के बाद भी जारी रहा धरना

भारत बनाम साउथ अफ्रीका लाइव ब्लॉग: अहमदाबाद में निर्णायक टी-20 मुकाबला

हिजली से माउंटेन व्यू तक: सुंदर पिचाई से मिले आईआईटी खड़गपुर के निदेशक

तानसेन संगीत समारोह: गान मनीषी तानसेन के आँगन में बहे मीठे-मीठे सुर