भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दिव्यांगजन की सेवा और कल्याण को आंतरिक सुख का विषय बताते हुए अस्थिबाधित दिव्यांगजन को निशुल्क ई-साइकिल वितरित की। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन की सेवा से प्राप्त अनुभव और अनुभूति अलौकिक होती है, और समाज में दिव्यांगजन के प्रति विद्यमान दृष्टिदोष को दूर करना आवश्यक है। इसके अलावा, दिव्यांगजन की प्रतिभा और क्षमता को प्रोत्साहित करना भी समाज की जिम्मेदारी है, ताकि उनका योगदान समाज के हित में हो सके।
मुख्यमंत्री ने यह बातें समदृष्टि क्षमता विकास एवं अनुसंधान मंडल ‘सक्षम’ की पहल पर भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के सहयोग से आयोजित ई-साइकिल वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। यह कार्यक्रम संचालनालय सामाजिक न्याय विभाग के सभागृह में आयोजित किया गया था।
प्रधानमंत्री मोदी की संवेदनशीलता की सराहना
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संवेदनशीलता की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विकलांग शब्द को बदलकर दिव्यांग शब्द दिया गया, जो उनके सम्मान को दर्शाता है। उन्होंने यह भी कहा कि दिव्यांगता का सामना कर रहे व्यक्ति समाज के लिए प्रेरणा हैं, क्योंकि वे चुनौतियों को स्वीकार करते हुए अपने जीवन को जीने की पूरी कोशिश करते हैं। उनके सामर्थ्य को स्वीकारना और सम्मान देना समाज का दायित्व है।
विश्व ब्रेल दिवस पर लुइस ब्रेल को श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और विश्व ब्रेल दिवस के अवसर पर ब्रेल लिपि के विकासक लुइस ब्रेल को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने ब्रेल लिपि से जुड़े उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि ब्रेल लिपि दृष्टिबाधित दिव्यांगजन के लिए एक अमूल्य उपहार है। इस अवसर पर दृष्टिबाधित बालिका तान्या शर्मा ने ‘सक्षम गान’ की भावपूर्ण प्रस्तुति दी। मुख्यमंत्री ने तान्या का पुष्प-गुच्छ भेंट कर सम्मानित किया।
ब्रेल लिपि में विकसित पुस्तक का विमोचन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समाज-कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं और कार्यक्रमों पर ब्रेल लिपि में विकसित पुस्तक का विमोचन किया। इसके साथ ही उन्होंने समाजसेवियों को शॉल, श्रीफल तथा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया।
ई-साइकिल वितरण और दिव्यांगजनों की सहायता
मुख्यमंत्री ने 47 अस्थिबाधित दिव्यांगजन को ई-साइकिल वितरित की, जिनमें मंदसौर की अनामिका सोलंकी, खंडवा की रजनी दशोरे, झाबुआ की उषा गढ़वा, ओम तिवारी, सुखदेव आदि शामिल थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन ई-साइकिलों का उपयोग दिव्यांगजन घर में व्हीलचेयर के रूप में और बाहर आने-जाने के लिए ट्राई साइकिल के रूप में कर सकते हैं। इससे उनकी स्वतंत्रता और गतिशीलता में वृद्धि होगी।
समाज में समरसता और समर्पण की भावना
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समाज में दिव्यांगजन के प्रति समरसता को बढ़ावा देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन ने हमेशा अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है, चाहे वह पौराणिक संदर्भ में अष्टावक्र का उदाहरण हो या महान संगीतज्ञ रविंद्र जैन का। उन्होंने धर्म और आध्यात्म के क्षेत्र में स्वामी रामभद्राचार्य जी का भी उल्लेख किया, जिनकी दिव्यांगता के बावजूद उनके योगदान ने समाज को एक नई दिशा दी।
संस्था ‘सक्षम’ की भूमिका
कार्यक्रम में यह भी जानकारी दी गई कि ‘सक्षम’- समदृष्टि क्षमता विकास एवं अनुसंधान मंडल, दिव्यांगजन के सशक्तिकरण को समर्पित संस्था है, जिसकी स्थापना 2008 में नागपुर में हुई थी। संस्था का उद्देश्य दिव्यांग युवाओं और महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराना, उनके अधिकारों की रक्षा करना, खेल गतिविधियों में प्रोत्साहन देना, और सेमिनार और परिचर्चा के माध्यम से समाज में समरसता पूर्ण वातावरण निर्मित करना है।
इस प्रकार, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दिव्यांगजन के सशक्तिकरण के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को व्यक्त किया और उन्हें समाज में समान अधिकार और अवसर देने के लिए जागरूकता फैलाने का आह्वान किया।