नई दिल्ली। संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में आरोपित ललित झा की नियमित जमानत याचिका पर अब 17 अप्रैल को सुनवाई होगी। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट की एडिशनल सेशंस जज हरदीप कौर ने बुधवार को सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया। दिल्ली पुलिस ने जमानत याचिका का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि यह अत्यंत गंभीर मामला है, जो देश की सर्वोच्च लोकतांत्रिक संस्था—संसद—की सुरक्षा से जुड़ा है।
संसद हमले की पुनरावृत्ति की कोशिश?
13 दिसंबर 2023 को संसद की कार्यवाही के दौरान अचानक एक अप्रत्याशित घटना ने पूरे सदन को स्तब्ध कर दिया। संसद की दर्शक दीर्घा (विजिटर गैलरी) से दो आरोपित युवक अचानक संसद कक्ष में कूद गए। इनमें से एक युवक ने डेस्क पर चढ़कर अपने जूते से कुछ निकाला और संसद कक्ष में पीले रंग का धुआं छोड़ दिया। इस पूरी घटना के दौरान सदन में अफरा-तफरी मच गई। सांसदों ने तुरंत दोनों को पकड़ लिया और सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अपनी हिरासत में ले लिया।
इसी के समानांतर, संसद भवन के बाहर भी दो अन्य लोग पीले रंग का धुआं छोड़ते और नारेबाजी करते पकड़े गए। दिल्ली पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आतंकवाद निरोधक कानून UAPA के तहत भी धाराएं जोड़ी हैं।
गंभीर धाराओं में केस दर्ज
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में मनोरंजन डी, ललित झा, अमोल शिंदे, महेश कुमावत, सागर शर्मा और नीलम आजाद के खिलाफ क़रीब 1000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। इन पर भारतीय दंड संहिता की धाराएं 186, 353, 153, 452, 201, 34, 120बी और UAPA की धाराएं 13, 16, 18 लगाई गई हैं, जो देशद्रोह, आपराधिक साजिश और आतंकी गतिविधियों से संबंधित हैं।
क्या है ललित झा की भूमिका?
चार्जशीट के अनुसार, ललित झा इस पूरे कृत्य का मुख्य साजिशकर्ता माना जा रहा है। पुलिस का कहना है कि ललित झा ने न केवल योजना बनाई, बल्कि आरोपियों को प्रशिक्षित किया और संसदीय सत्र के दौरान इस “प्रदर्शन” को अंजाम देने का समय भी तय किया।
अब इस मामले में ललित झा की नियमित जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 17 अप्रैल को होगी। फिलहाल, सभी आरोपित न्यायिक हिरासत में हैं।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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