भोपाल से मंडला तक पहुंची मुख्यमंत्री की सौगात, 27 लाख महिलाओं को मिले 1552 करोड़ रुपए
भोपाल। प्रदेश की महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण की राह पर आगे बढ़ाने वाली लाड़ली बहना योजना में अब और अधिक महिलाएं शामिल हो सकेंगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को लाड़ली बहनों के खातों में 1552.38 करोड़ रुपए की राशि अंतरित की, साथ ही ‘लाड़ली बहना योजना 3.0’ के रूप में योजना का तीसरा चरण शुरू करने की घोषणा भी की। इस पहल के जरिए उन वंचित महिलाओं को एक और मौका मिलेगा जो पूर्व के चरणों में आवेदन करने से रह गई थीं।
मंडला से हुआ बड़ा ऐलान
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंडला जिले के ग्राम टिकरवारा से मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना और सिलेंडर रिफिलिंग योजना की राशि हितग्राहियों के खातों में डिजिटल माध्यम से ट्रांसफर की। इस मौके पर उन्होंने साफ किया कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि हर बहन आत्मनिर्भर और सशक्त बने। कार्यक्रम में उन्होंने सामूहिक विवाह-निकाह योजना के अंतर्गत 1100 जोड़ों का विवाह भी संपन्न करवाया और उन्हें शुभकामनाएं दीं।

योजना में नया मौका: लाड़ली बहना 3.0
प्रदेश सरकार ने ‘लाड़ली बहना योजना 3.0’ की घोषणा करके एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी पात्र महिला इस योजना के लाभ से वंचित नहीं रहनी चाहिए। अगर कोई महिला किसी कारणवश पूर्व के चरणों में आवेदन नहीं कर सकी थी, तो अब उसे फिर से आवेदन का अवसर मिलेगा। इस तीसरे चरण में पहले और दूसरे चरण से वंचित महिलाएं आसानी से शामिल हो सकेंगी।
अब तक 35 हजार करोड़ की राशि वितरित
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि अब तक 1 करोड़ 29 लाख महिलाएं इस योजना के तहत लाभ प्राप्त कर रही हैं। बुधवार को 23वीं किस्त के रूप में 1552 करोड़ रुपए की राशि अंतरित की गई, जिससे 27 लाख महिलाओं को सीधे लाभ पहुंचा। कुल मिलाकर सरकार अब तक 35 हजार करोड़ रुपए से अधिक की सम्मान राशि बहनों के खातों में भेज चुकी है।
सिलेंडर रिफिलिंग और सामाजिक सुरक्षा में भी बड़ी राहत
इस मौके पर डॉ. मोहन यादव ने 25 लाख से अधिक लाड़ली बहनों को सिलेंडर रिफिलिंग योजना के तहत 57 करोड़ रुपए की राशि भी ट्रांसफर की। इसके साथ ही 56 लाख 68 हजार सामाजिक सुरक्षा पेंशन हितग्राहियों के खातों में 340 करोड़ रुपए जमा किए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “लाड़ली बहना योजना प्रदेश की महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का सबसे बड़ा माध्यम बन चुकी है। हम चाहते हैं कि हर बहन सम्मान के साथ अपने जीवन को आगे बढ़ाए।”
इस प्रकार, प्रदेश सरकार का यह निर्णय न केवल एक कल्याणकारी कदम है, बल्कि एक सामाजिक क्रांति का संकेत भी है, जिसमें महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने की मजबूत पहल की जा रही है।
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