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February 8, 2025 2:52 AM

के.वाय.सी के नाम पर बढ़ रही धोखाधड़ी: सावधानी बरतें, हजारों मामले पकड़े गए

केवायसी धोखाधड़ी में बढ़ोतरी: महाराष्ट्र में सबसे अधिक मामले, बचाव के उपाय जानें"

नई दिल्ली: केवायसी (नो योर कस्टमर) प्रक्रिया के दौरान धोखाधड़ी के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। आईडीएफवाई (IDFY) एकीकृत पहचान मंच की एक हालिया रिपोर्ट ने इस खतरनाक प्रवृत्ति पर प्रकाश डाला है। रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर-अक्टूबर 2023 के बीच वीडियो केवायसी सत्यापन के लिए 23,406 से अधिक धोखाधड़ी के प्रयास दर्ज किए गए। यह संख्या मार्च-अप्रैल 2023 के 17,164 मामलों की तुलना में काफी अधिक है।

महाराष्ट्र बना धोखाधड़ी का सबसे बड़ा केंद्र

रिपोर्ट के अनुसार, सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र से सामने आए। उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक जैसे राज्य भी धोखाधड़ी के मामलों में उच्च स्थान पर रहे। इन राज्यों में कुल मिलाकर देशभर में होने वाली धोखाधड़ी के लगभग आधे मामले दर्ज किए गए।

राज्यों की रैंकिंग में बदलाव

मार्च-अप्रैल 2023 में राजस्थान, पश्चिम बंगाल और हरियाणा धोखाधड़ी के मामलों में शीर्ष पर थे। लेकिन सितंबर-अक्टूबर तक तमिलनाडु, बिहार, जम्मू-कश्मीर और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने धोखाधड़ी की रैंकिंग में बढ़त हासिल की।

धोखाधड़ी के हॉटस्पॉट्स

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, राजस्थान, गुजरात, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और बिहार अप्रैल और अक्टूबर दोनों में शीर्ष 10 धोखाधड़ी वाले राज्यों में शामिल रहे। खास तौर पर अलवर, डीग, पश्चिम चंपारण, दक्षिण दिनाजपुर और बीरभूम जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में अधिकतर धोखाधड़ी के मामले सामने आए। सीमावर्ती इलाकों में यह समस्या इसलिए अधिक है क्योंकि यहां से धोखेबाज पास के राज्यों में भागने में आसानी पाते हैं।

कैसे होती है धोखाधड़ी?

धोखेबाज अक्सर किसी और की पहचान चुराकर, केवायसी दस्तावेजों से छेड़छाड़ करके, या फर्जी वीडियो सत्यापन के जरिए प्लेटफ़ॉर्म पर पहुंचने की कोशिश करते हैं। लगभग 50 लाख 70 हजार वीडियो केवायसी सत्यापनों पर आधारित इस रिपोर्ट ने इस खतरनाक प्रवृत्ति की गंभीरता को रेखांकित किया।

विशेषज्ञों की राय

आईडीएफवाई के सीईओ और सह-संस्थापक अशोक हरिहरन ने कहा,
“धोखेबाज लगातार अपने तरीके बदल रहे हैं। आज का हॉटस्पॉट कल गायब हो सकता है। व्यवसायों को बदलते रुझानों से आगे रहना होगा और अनुकूली धोखाधड़ी का पता लगाने की रणनीतियां अपनानी होंगी।”

रिपोर्ट का निष्कर्ष

धोखाधड़ी के ये बढ़ते मामले केवल एक राज्य या क्षेत्र तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह समस्या पूरे देश में फैल रही है। सीमावर्ती क्षेत्रों में यह समस्या और गंभीर हो जाती है। रिपोर्ट ने व्यवसायों और वित्तीय संस्थानों को चेतावनी दी है कि वे अपने सिस्टम को चुस्त और सक्रिय रखें ताकि इन खतरों का समय रहते पता लगाया जा सके।

कैसे बचें धोखाधड़ी से?

  1. केवल अधिकृत और सुरक्षित प्लेटफ़ॉर्म का ही उपयोग करें।
  2. केवायसी के दौरान अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से पहले प्लेटफ़ॉर्म की प्रामाणिकता की जांच करें।
  3. किसी भी अनजान व्यक्ति या लिंक के माध्यम से केवायसी न कराएं।
  4. यदि संदेह हो, तो तुरंत संबंधित बैंक या संगठन से संपर्क करें।

धोखाधड़ी के मामलों में तेजी से वृद्धि यह दर्शाती है कि व्यक्तिगत सतर्कता और तकनीकी सुरक्षा दोनों ही इस समस्या से निपटने के लिए आवश्यक हैं।

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