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May 12, 2025 11:07 PM

कला उत्सव 2024: संस्कृति और कला को जोड़ने का राष्ट्रीय मंच

कला उत्सव 2024: भारतीय कला और संस्कृति को जोड़ने का राष्ट्रीय मंच, मुख्यमंत्री का उद्घाटन

भोपाल। श्यामला हिल्स स्थित क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान (आरआईई) में 3 जनवरी को राष्ट्रीय स्तर के कला उत्सव 2024 का शुभारंभ हुआ। इस भव्य कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया। इस चार दिवसीय आयोजन का उद्देश्य विद्यार्थियों की कलात्मक प्रतिभा को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना और भारतीय संस्कृति की समृद्धि को प्रदर्शित करना है।

मुख्यमंत्री ने किया भारतीय संस्कृति का गौरवगान

कार्यक्रम के उद्घाटन पर मुख्यमंत्री ने कला उत्सव की सराहना करते हुए कहा कि यह न केवल छात्रों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर देता है, बल्कि उन्हें भारतीय कला और संस्कृति से जोड़ने का माध्यम भी बनता है। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा 2015 में शुरू किए गए इस कार्यक्रम की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह पहल स्कूली छात्रों के लिए प्रेरणादायक है।

मुख्यमंत्री ने भारतीय संस्कृति की गहराई पर चर्चा करते हुए भगवान कृष्ण के जीवन का उदाहरण दिया। उन्होंने बताया कि कृष्ण ने 64 कलाओं और 14 विद्याओं का ज्ञान हासिल कर भारतीय संस्कृति को समृद्ध बनाया। उन्होंने इसे भारतीय गुरुकुल परंपरा का हिस्सा बताया, जिसमें कला और विद्या का समान महत्व था।

राजा भोज से जुड़े मुहावरे का उल्लेख

मुख्यमंत्री ने “कहां राजा भोज, कहां गंगू तेली” जैसे प्रचलित मुहावरे पर बात करते हुए इसका ऐतिहासिक संदर्भ स्पष्ट किया। उन्होंने राजा भोज की संघर्षपूर्ण कहानी साझा की, जिसमें उनके दत्तक भाई मुंज की मृत्यु और गांगई-तेलक राज्यों के विनाश की पृष्ठभूमि शामिल थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुहावरे का सही अर्थ समझना जरूरी है।

देशभर से छात्रों ने दी कलात्मक प्रस्तुतियां

कार्यक्रम में देशभर से आए 700 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। हिमाचल, कश्मीर, लद्दाख और अन्य जनजातीय क्षेत्रों की थीम पर आधारित कलात्मक प्रस्तुतियां आकर्षण का केंद्र रहीं। कार्यक्रम का शुभारंभ “शुभ स्वागतम” गीत से हुआ, जिसने सभी का मन मोह लिया।

इस बार कहानी वाचन की विधा शामिल

एनसीईआरटी के डायरेक्टर प्रोफेसर दिनेश प्रसाद सकलानी ने बताया कि इस बार कार्यक्रम में पारंपरिक कहानी वाचन जैसी विधा को भी शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि नई पाठ्यपुस्तकों में भारतीयता की विशेषता को प्राथमिकता दी जा रही है।

कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएं

  • आयोजन अवधि: 3 से 6 जनवरी 2024
  • थीम: “विकसित भारत: वर्ष 2047 का दृष्टिकोण”
  • संगठन: स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार
  • उद्देश्य: माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों की कलात्मक प्रतिभा को प्रदर्शित करने और भारतीय संस्कृति की विविधता को समझने का अवसर प्रदान करना।

समापन और पुरस्कार वितरण

कार्यक्रम का समापन 6 जनवरी को होगा, जहां छात्रों को उनकी उत्कृष्ट कलात्मक प्रस्तुतियों के लिए सम्मानित किया जाएगा। रिजल्ट 5 जनवरी को घोषित किए जाएंगे।

भारतीय संस्कृति के प्रति जागरूकता का प्रयास

कला उत्सव 2024 न केवल छात्रों को मंच प्रदान करता है, बल्कि भारतीय कला और संस्कृति की विविधता को जीवंत रूप में प्रदर्शित करता है। यह आयोजन छात्रों को अपनी संस्कृति से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उनके समग्र विकास में सहायक सिद्ध होगा।

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