भोपाल: मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने नए साल 2025 के पहले दिन अपने खेतों में पहुंचकर ट्रैक्टर चलाया और आलू की फसल निकाली। इस दौरान उन्होंने एक वीडियो जारी कर केंद्रीय कृषि मंत्री और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से फिर से मिलने का समय मांगा। पटवारी ने इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जताई और कहा कि वह लगातार शिवराज सिंह चौहान से मिलकर किसानों की समस्याओं पर चर्चा करने के लिए समय मांग रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री उन्हें समय देने में असमर्थ हैं।
शिवराज सिंह चौहान पर हमला
जीतू पटवारी ने वीडियो में कहा कि, “मैं लगातार मंगलवार को मिलने के लिए समय मांग रहा हूं, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मुझे समय तक नहीं दे पा रहे हैं। यह मुद्दा राजनीतिक नहीं है, और न ही कोई व्यक्तिगत लड़ाई है। यह लड़ाई किसानों की है, यह एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की लड़ाई है।” उन्होंने आगे कहा कि, “मैं केंद्रीय कृषि मंत्री से मिलकर किसानों के लिए वादे की बात करूंगा। अगर वे मुझे समय नहीं देते तो मैं खुद उनसे मिलने जाऊंगा।”
किसानों के मुद्दे पर कटाक्ष
पटवारी ने यह भी कहा कि वह एक किसान के बेटे हैं और किसानों के सभी दर्द और परेशानियों को समझते हैं। उन्होंने कहा, “हमारा जीवन इसी खेती पर निर्भर है। हमारे पूर्वजों, चाचा और दादाओं ने हमेशा खेती की है। हम व्यक्तिगत लड़ाई नहीं लड़ रहे हैं, हमारी लड़ाई किसानों के हक के लिए है।” उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, “किसान की धान गीली हो जाने पर अब सरकार उसे नहीं खरीदेगी। वहीं, लहसुन की कीमतों में बढ़ोतरी होने के बावजूद सरकार ने चीन से लहसुन मंगवा लिया, जिससे किसान अपना लहसुन नहीं बेच पा रहे हैं। किसान अब जाए तो जाए कहां?”
वादे अधूरे रहने का आरोप
जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से उन वादों को पूरा करने की मांग की जो उन्होंने किसानों से किए थे। उन्होंने कहा, “आपने चुनाव के दौरान किसानों से जो वादा किया था, उसे पूरा करें। एमएसपी देने की बात कही थी, लेकिन वह अभी तक नहीं मिल पाई है। धान और गेहूं की कीमतों में बढ़ोतरी का भी वादा किया था, लेकिन वह वादा भी अब तक पूरा नहीं हुआ।”
पटवारी की राजनीति और किसानों के लिए संघर्ष
पटवारी ने अपनी लड़ाई को पूरी तरह से किसानों के अधिकारों के लिए बताया और दावा किया कि वह किसी से व्यक्तिगत रंजिश नहीं रखते। उनका उद्देश्य केवल किसानों की आवाज़ उठाना है और उनके लिए जरूरी नीतियों को लागू कराना है। उन्होंने यह भी कहा कि, “हमारा जीवन इसी खेती पर निर्भर है और हम हमेशा किसानों के साथ खड़े रहेंगे।” उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि वह किसानों के मामलों को प्राथमिकता दे और उनके हित में निर्णय लें।
जीतू पटवारी का यह कदम मध्य प्रदेश के किसानों के लिए उनकी निरंतर लड़ाई और संघर्ष का हिस्सा है। उनका यह आरोप कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने के लिए उन्हें समय नहीं मिल रहा, यह इस बात का संकेत है कि राज्य में किसानों की समस्याओं और उनकी स्थिति को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो सकती है। पटवारी ने यह स्पष्ट किया कि यह मुद्दा केवल एक राजनीतिक रणनीति का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह किसानों के हक की लड़ाई है और वह इसे लेकर संघर्ष जारी रखेंगे।