मुंबई, 22 फरवरी: महाराष्ट्र के जालना जिले के जाफराबाद तहसील में पासोड़ी गांव के पास एक शेड में सो रहे पांच मजदूरों की दम घुटने से मौत हो गई। इस हृदयविदारक घटना में एक 13 वर्षीय बच्ची चमत्कारिक रूप से जीवित बच गई। पुलिस इस पूरे मामले की गहन छानबीन कर रही है।
कैसे हुई दुर्घटना?
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, पासोड़ी-चंदोल रोड पर एक पुल निर्माण कार्य जारी था। शुक्रवार को पूरे दिन निर्माण कार्य में लगे मजदूर रात में एक शेड के नीचे सो गए।
शनिवार तड़के डंपर चालक ने गलती से उसी शेड के ऊपर रेत खाली कर दी, जिसमें मजदूर सो रहे थे। डंपर चालक को यह पता नहीं था कि शेड में लोग सो रहे हैं और रेत खाली करने के बाद वह मौके से चला गया।
इस दुर्घटना में मजदूरों की श्वसन नली बंद हो गई, जिससे उनकी दम घुटने से मौत हो गई।
ग्रामीणों ने की तत्परता से राहत कार्य
सुबह गांव वालों को जब इस घटना की जानकारी मिली, तो वे तुरंत मौके पर पहुंचे और रेत हटाने का काम शुरू किया। राहत कार्य में एक 13 वर्षीय बच्ची और एक मजदूर जीवित मिले, लेकिन पांच मजदूरों की घटनास्थल पर ही मौत हो चुकी थी।
मृतकों की पहचान
इस दर्दनाक हादसे में जान गंवाने वाले मजदूरों के नाम इस प्रकार हैं:
- गणेश काशीनाथ धनवाई (40 वर्ष)
- भूषण गणेश धनवाई (16 वर्ष)
- सुनील समाधान सपकाल (20 वर्ष)
- अन्य दो मजदूरों की पहचान की जा रही है।
डंपर चालक की तलाश में पुलिस
पद्मावती पुलिस स्टेशन की टीम इस घटना की विस्तृत जांच कर रही है। डंपर चालक की लापरवाही के कारण यह दर्दनाक हादसा हुआ, जिसके चलते पुलिस उसकी तलाश कर रही है। पुलिस ने कहा कि इस मामले में दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और सुरक्षा उपाय
✔ जिला प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
✔ निर्माण कंपनियों को मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
✔ अस्थायी शेड में रह रहे मजदूरों की सुरक्षा को लेकर नए दिशा-निर्देश लागू करने पर विचार किया जा रहा है।
यह हादसा मजदूरों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन और कंपनियों की लापरवाही को उजागर करता है। ऐसी घटनाओं से बचने के लिए निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों का पालन करना अनिवार्य है। डंपर चालक की लापरवाही ने पांच लोगों की जान ले ली, जिससे मजदूर वर्ग की दयनीय स्थिति फिर से सामने आई है। प्रशासन को चाहिए कि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए।