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March 24, 2025 5:16 AM

यूएन में भारत की अहम भूमिका, महिला शांति सैनिकों की बढ़ती भागीदारी पर जोर

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नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र (UN) के शांति सेना प्रमुख जीन-पियरे लैक्रोइक्स ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना (UN Peacekeeping) का महत्वपूर्ण आधार बना हुआ है। उन्होंने विशेष रूप से भारतीय महिला शांति सैनिकों की सराहना की और कहा कि उनकी अधिक भागीदारी वाले मिशन बेहतर परिणाम देते हैं और स्थायी शांति स्थापित करने में मदद करते हैं

लैक्रोइक्स इस सप्ताह भारत में आयोजित “शांति स्थापना में महिलाओं की भूमिका को बढ़ाना: एक वैश्विक दक्षिण अनुभव” सम्मेलन में भाग लेने आएंगे। यह सम्मेलन 24-25 फरवरी को आयोजित हो रहा है, जिसमें शांति स्थापना में महिलाओं की भूमिका, उनकी चुनौतियों और प्रभाव को लेकर चर्चा की जाएगी।

भारत बना शांति स्थापना का मजबूत स्तंभ

लैक्रोइक्स ने कहा,
“भारत संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना की आधारशिला बना हुआ है और भारतीय महिला शांति सैनिक शांति अभियानों को नई परिभाषा दे रही हैं। भारत का शांति मिशनों में योगदान केवल संख्या में ही नहीं, बल्कि उनके प्रभाव और स्थायी शांति के लिए किए गए प्रयासों में भी महत्वपूर्ण है।”

50 देशों की महिला अधिकारी सम्मेलन में होंगी शामिल

इस सम्मेलन में करीब 50 देशों की महिला अधिकारी भाग लेंगी। वे शांति स्थापना मिशनों में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका और उनके सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करेंगी

लैक्रोइक्स ने कहा कि,
“शांति स्थापना में महिलाओं की अधिक भागीदारी का मतलब है कि मिशन अधिक प्रभावी और सफल होगा। भारत ने हमेशा शांति स्थापना मिशनों में महिलाओं, शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निभाई है।”

स्थानीय समुदायों के साथ मजबूत संबंध बना रही हैं भारतीय महिला शांति सैनिक

लैक्रोइक्स ने भारतीय महिला शांति सैनिकों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि वे स्थानीय महिलाओं के साथ मजबूत संबंध बनाती हैं, जिससे सामुदायिक विश्वास बढ़ता है

उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि,
“अबेई (अफ्रीका) में, भारतीय महिला शांति सैनिकों ने सुरक्षा को बढ़ाने और स्थानीय समुदायों के साथ घनिष्ठ संबंध स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।”

भारत के पास 5,384 शांति सैनिक, 153 महिलाएं शामिल

भारत संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में एक शीर्ष योगदानकर्ता है। भारत के पास 5,384 शांति सैनिकों में से 153 महिलाएं शामिल हैं

  • भारत ने 2007 में लाइबेरिया में पहली बार पूर्ण रूप से महिला संचालित पुलिस इकाई भेजी थी।
  • भारतीय महिला शांति सैनिक स्थानीय महिलाओं को सुरक्षा, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में मदद करती हैं
  • उनकी मौजूदगी से शांति अभियानों की सफलता दर में बढ़ोतरी देखी गई है

शांति सैनिकों की सुरक्षा एक साझा जिम्मेदारी

लैक्रोइक्स ने इस सम्मेलन के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि,
“इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य महिला शांति सैनिकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना और उनके पेशेवर विकास को प्रोत्साहित करना है।”

उन्होंने यह भी कहा कि,
“शांति सैनिकों की सुरक्षा केवल एक देश की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि यह सभी देशों की साझा जिम्मेदारी है। हमें शांति अभियानों के लिए अधिक महिला अधिकारियों की जरूरत है, ताकि वैश्विक शांति को मजबूती मिल सके।”

भारत संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मिशनों में एक मजबूत स्तंभ के रूप में उभर रहा है। भारतीय महिला शांति सैनिकों की भूमिका को वैश्विक स्तर पर सराहा जा रहा है। उनकी उपस्थिति न केवल सुरक्षा को मजबूत बनाती है, बल्कि स्थानीय समुदायों के साथ बेहतर संबंध स्थापित कर शांति को अधिक प्रभावी बनाती है। संयुक्त राष्ट्र और लैक्रोइक्स जैसे विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि शांति मिशनों में अधिक महिलाओं की भागीदारी, स्थायी शांति और सुरक्षा की कुंजी है

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