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April 22, 2025 1:06 PM

अगले साल 31 मार्च से पहले देश नक्सलमुक्त होगा: अमित शाह

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नई दिल्ली। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बड़ा ऐलान किया है कि अगले साल 31 मार्च से पहले देश पूरी तरह नक्सलमुक्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार रूथलेस अप्रोच के साथ नक्सलवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाए हुए है। उन्होंने यह बयान उस दिन दिया जब छत्तीसगढ़ के बीजापुर और कांकेर में सुरक्षाबलों ने दो अलग-अलग अभियानों में 30 नक्सलियों को मार गिराया

गृह मंत्री शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए कहा कि “नक्सलमुक्त भारत अभियान की दिशा में गुरुवार को हमारे जवानों ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। मोदी सरकार समर्पण से लेकर समावेशन तक की तमाम सुविधाओं के बावजूद जो नक्सली आत्मसमर्पण नहीं कर रहे, उनके खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है। अगले साल 31 मार्च से पहले देश नक्सलमुक्त होने वाला है।”

नक्सलवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के प्रभाव

गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में अब तक:
90 नक्सली मारे गए
104 नक्सली गिरफ्तार किए गए
164 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया

वहीं, 2024 में सरकार ने नक्सलवाद के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाया था, जिसमें:
🔹 290 नक्सली मारे गए
🔹 1090 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया
🔹 881 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया

अब तक कुल 15 शीर्ष नक्सली नेताओं को न्यूट्रलाइज किया जा चुका है।

बीते दशक में नक्सली घटनाओं में बड़ी गिरावट

गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2014 से 2024 के बीच नक्सली हिंसा की घटनाओं में 53% की कमी आई है।

📉 2004-2014 (कांग्रेस शासन) के दौरान नक्सली हिंसा की 16,463 घटनाएं हुई थीं।
📉 2014-2024 (मोदी सरकार) में यह संख्या घटकर 7,744 रह गई

इस दौरान सुरक्षाबलों और नागरिकों की हताहत संख्या में भी भारी कमी आई है:
🔻 सुरक्षाबलों की शहादत में 73% की गिरावट (1851 से घटकर 509)
🔻 नागरिकों की मौतों में 70% की कमी (4766 से घटकर 1495)

नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या घटी

2014 तक भारत में 126 जिले नक्सल प्रभावित थे।
2024 में यह संख्या घटकर मात्र 12 जिलों तक सीमित रह गई है।

बढ़ी सुरक्षा सुविधाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास

मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कई बड़े कदम उठाए:

🛡️ फोर्टिफाइड (सुरक्षित) पुलिस स्टेशनों की संख्या 10 गुना बढ़ी
🔹 2014 तक सिर्फ 66 थे
🔹 2024 में बढ़कर 612 हो गए

🏕️ सुरक्षा कैंपों का विस्तार
🔹 पिछले 5 वर्षों में 302 नए सुरक्षा कैंप बनाए गए

🚁 हेलीपैड्स का निर्माण
🔹 68 नाइट लैंडिंग हेलीपैड्स बनाए गए ताकि ऑपरेशन में तेजी लाई जा सके

मोदी सरकार की रणनीति: आत्मसमर्पण या सफाया

केंद्र सरकार ने नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने के लिए कई पुनर्वास योजनाएं लागू की हैं।
जो नक्सली आत्मसमर्पण करना चाहते हैं, उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है।
लेकिन जो हथियार उठाए हुए हैं, उनके खिलाफ रूथलेस अप्रोच के तहत सुरक्षा बल कार्रवाई कर रहे हैं

अमित शाह के इस ऐलान से साफ है कि मोदी सरकार 2025 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। नक्सली हिंसा में लगातार गिरावट, सुरक्षाबलों की मजबूत कार्रवाई और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार के चलते अब यह आंदोलन अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। अब देखना होगा कि सरकार का यह मिशन अपने निर्धारित समय में कितना सफल होता है।

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