सर्दियों का मौसम आते ही ठंडी हवा शरीर को जकड़ने लगती है। खासकर रात के समय ठंड ज्यादा महसूस होती है, ऐसे में बहुत से लोग स्वेटर, जैकेट या दूसरे मोटे कपड़े पहनकर ही सो जाते हैं। आम धारणा यह होती है कि इससे शरीर गर्म रहेगा, ठंड नहीं लगेगी और नींद भी अच्छी आएगी। लेकिन क्या यह आदत हर किसी के लिए सही है, या फिर इसके कुछ ऐसे नुकसान भी हैं जिन पर हम ध्यान नहीं देते?

रात की नींद सिर्फ आराम करने का समय नहीं होती, बल्कि यही वह समय होता है जब हमारा शरीर अंदर ही अंदर खुद को ठीक करता है। इसी दौरान मांसपेशियां आराम पाती हैं, हार्मोन संतुलन बनता है, त्वचा की मरम्मत होती है और दिमाग दिनभर की थकान से उबरता है। ऐसे में अगर सोते समय पहने गए कपड़े शरीर के प्राकृतिक तापमान और पसीने की प्रक्रिया में रुकावट डालते हैं, तो इसका असर नींद की गुणवत्ता और सेहत दोनों पर पड़ सकता है।

स्वेटर जैसे मोटे कपड़े शरीर की गर्मी को बाहर निकलने से रोकते हैं। कुछ लोगों के लिए यह फायदेमंद हो सकता है, खासकर जब ठंड बहुत ज्यादा हो। लेकिन कई मामलों में यही अतिरिक्त गर्मी पसीने, बेचैनी, बार-बार नींद टूटने और त्वचा से जुड़ी समस्याओं की वजह बन सकती है। शरीर का तापमान अगर जरूरत से ज्यादा बढ़ जाए, तो नींद गहरी नहीं रह पाती और अगली सुबह थकान महसूस होती है।


शरीर का प्राकृतिक तापमान और नींद का संबंध

मानव शरीर का तापमान दिन और रात में अपने आप बदलता रहता है। रात के समय शरीर का तापमान थोड़ा कम हो जाता है, जिससे नींद गहरी आती है। यही कारण है कि बहुत अधिक गर्म वातावरण में नींद नहीं आती और बहुत ठंड में नींद बार-बार टूटती है।

जब हम रात को मोटा स्वेटर पहनकर सोते हैं, तो शरीर की गर्मी बाहर नहीं निकल पाती। इससे शरीर का तापमान जरूरत से ज्यादा बढ़ सकता है, जो नींद की गुणवत्ता को प्रभावित करता है। कई बार व्यक्ति को इसका अहसास भी नहीं होता, लेकिन वह सुबह उठने पर थका हुआ महसूस करता है।


रात को स्वेटर पहनकर सोने के संभावित फायदे

कुछ खास परिस्थितियों में रात को स्वेटर पहनकर सोना फायदेमंद भी हो सकता है।

बहुत ठंडे इलाकों में, जहां तापमान काफी नीचे चला जाता है, वहां शरीर को गर्म रखने के लिए हल्का स्वेटर पहनना उपयोगी हो सकता है। इससे ठंड से होने वाली कंपकंपी, मांसपेशियों के अकड़ने और सर्दी-जुकाम के खतरे को कुछ हद तक कम किया जा सकता है।

जिन लोगों को सर्दी जल्दी लग जाती है, जैसे बुजुर्ग या बहुत दुबले-पतले लोग, उनके लिए हल्के और ढीले कपड़े शरीर की गर्मी बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।

कुछ लोगों को जोड़ों के दर्द की समस्या होती है, उनके लिए ठंड से बचाव जरूरी होता है। ऐसे में बहुत ठंड के दिनों में हल्का स्वेटर पहनना अस्थायी राहत दे सकता है।


रात को स्वेटर पहनकर सोने के नुकसान

जहां फायदे सीमित हैं, वहीं इसके नुकसान अधिक और गंभीर हो सकते हैं।

सबसे बड़ा नुकसान यह है कि शरीर का तापमान जरूरत से ज्यादा बढ़ सकता है। जब शरीर बहुत गर्म हो जाता है, तो पसीना आने लगता है। यह पसीना रात भर त्वचा पर बना रहता है, जिससे खुजली, रैश और त्वचा संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

स्वेटर जैसे मोटे कपड़े हवा को त्वचा तक पहुंचने नहीं देते। इससे त्वचा को सांस लेने में दिक्कत होती है और शरीर का प्राकृतिक संतुलन बिगड़ सकता है।

रात में अधिक गर्मी के कारण नींद बार-बार टूट सकती है। व्यक्ति को सपने ज्यादा आते हैं, बेचैनी होती है और सुबह उठने पर थकावट महसूस होती है।

कुछ मामलों में शरीर का अधिक गर्म होना सिरदर्द, चक्कर और भारीपन जैसी समस्याएं भी पैदा कर सकता है।


पसीना और त्वचा पर असर

रात को स्वेटर पहनकर सोने से शरीर में पसीना ज्यादा निकलता है। अगर यह पसीना सूख नहीं पाता, तो यह बैक्टीरिया के पनपने का कारण बन सकता है।

त्वचा पर लंबे समय तक नमी बनी रहने से फंगल संक्रमण, दाने और खुजली की समस्या हो सकती है। जिन लोगों की त्वचा संवेदनशील होती है, उन्हें इसका खतरा और भी ज्यादा रहता है।

इसके अलावा, पसीने से गीले कपड़े शरीर को ठंडा भी कर सकते हैं, जिससे अगली सुबह सर्दी लगने की संभावना बढ़ जाती है।


नींद की गुणवत्ता पर असर

अच्छी नींद के लिए शरीर का तापमान संतुलित होना जरूरी है। जब शरीर बहुत गर्म होता है, तो दिमाग पूरी तरह आराम की स्थिति में नहीं जा पाता।

रात को स्वेटर पहनकर सोने वाले कई लोग शिकायत करते हैं कि उनकी नींद गहरी नहीं होती। वे सुबह जल्दी उठ जाते हैं या रात में कई बार करवट बदलते रहते हैं।

नींद की गुणवत्ता खराब होने से दिन भर चिड़चिड़ापन, थकान और ध्यान की कमी महसूस हो सकती है।


किन लोगों को स्वेटर पहनकर नहीं सोना चाहिए

  • जिन लोगों को बहुत ज्यादा पसीना आता है, उन्हें रात में स्वेटर पहनकर सोने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे शरीर की गर्मी और बढ़ जाती है।

  • जिन लोगों को त्वचा से जुड़ी समस्याएं रहती हैं, जैसे खुजली, रैश या दाने, उनके लिए स्वेटर पहनकर सोना नुकसानदेह हो सकता है।

  • जिनका वजन ज्यादा होता है, उनके शरीर में पहले से ही गर्मी अधिक बनती है। ऐसे लोगों के लिए मोटे कपड़े पहनकर सोना परेशानी और बेचैनी बढ़ा सकता है।


सही विकल्प क्या हो सकता है

अगर ठंड ज्यादा लगती है, तो मोटा स्वेटर पहनने की बजाय हल्के और ढीले सूती कपड़े पहनना बेहतर विकल्प है।

रजाई या कंबल का इस्तेमाल करना शरीर को गर्म रखने का सुरक्षित तरीका है, क्योंकि इससे हवा का प्रवाह पूरी तरह बंद नहीं होता।

कमरे का तापमान संतुलित रखने की कोशिश करनी चाहिए, ताकि न बहुत ठंड हो और न बहुत गर्म।


क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, रात को सोते समय शरीर को खुद तापमान नियंत्रित करने देना चाहिए। बहुत ज्यादा मोटे कपड़े पहनने से यह प्राकृतिक प्रक्रिया बाधित होती है।

विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि नींद के दौरान शरीर को आराम और खुलापन चाहिए, न कि कसाव और भारीपन।


निष्कर्ष :

रात को स्वेटर पहनकर सोना हर किसी के लिए सही नहीं है। कुछ विशेष परिस्थितियों में यह मददगार हो सकता है, लेकिन सामान्य तौर पर यह आदत नींद और स्वास्थ्य दोनों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है।

सही कपड़ों का चयन, संतुलित तापमान और आरामदायक वातावरण अच्छी नींद की कुंजी हैं। अगर आप रोज सुबह थकान महसूस करते हैं, तो अपनी सोने की आदतों पर ध्यान देना जरूरी है।