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April 20, 2025 1:15 PM

वैश्विक व्यापार में भारत की बढ़ती धाक, अगले 5 साल में 6% योगदान करेगा

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भारत बनेगा व्यापारिक महाशक्ति, चीन और अमेरिका के बाद तीसरा स्थान बरकरार

नई दिल्ली। वैश्विक व्यापार में भारत की भूमिका तेजी से बढ़ रही है और अगले पांच वर्षों में यह वैश्विक व्यापार वृद्धि में 6% का योगदान देगा। न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनेस और डीएचएल की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस सूची में केवल चीन (12%) और अमेरिका (10%) ही भारत से आगे होंगे।

बीते 5 वर्षों में 5.2% चक्रवृद्धि दर से बढ़ा व्यापार

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का वैश्विक व्यापार 2019 से 2024 तक 5.2% की वार्षिक चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़ा, जबकि वैश्विक व्यापार की औसत वृद्धि दर मात्र 2% रही। इस वजह से भारत ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार में 13वें स्थान पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। 2024 में भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार का 13वां सबसे बड़ा भागीदार था, और यह वृद्धि की गति बनाए रखेगा।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत की व्यापारिक वृद्धि दर अगले पांच वर्षों में 7.2% तक पहुंच सकती है, जिससे देश को वैश्विक व्यापारिक मंच पर और मजबूती मिलेगी। भारत की इस तेज़ वृद्धि का कारण मजबूत आर्थिक नीतियां और वैश्विक व्यापार में इसकी बढ़ती हिस्सेदारी है।

भारत पूर्व और पश्चिम को जोड़ेगा, व्यापारिक केंद्र के रूप में उभरेगा

डीएचएल एक्सप्रेस के दक्षिण एशिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष आर. एस. सुब्रमण्यन ने कहा कि यह रिपोर्ट वैश्विक कारोबार में भारत के तेजी से विस्तार को रेखांकित करती है। उन्होंने कहा, “भारत वैश्विक व्यापार में पूर्व और पश्चिम को जोड़ने वाले एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित हो रहा है।” रिपोर्ट में भारत के व्यापार की मात्रा और वैश्विक हिस्सेदारी में वृद्धि की संभावना भी जताई गई है।

चीन से अधिक थी व्यापार वृद्धि दर

भारत और चीन की तुलना करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि आमतौर पर चीन को अधिक व्यापार-उन्मुख अर्थव्यवस्था के रूप में देखा जाता है, लेकिन 2023 में भारत का वस्तु व्यापार जीडीपी के अनुपात में चीन के बराबर था। खास बात यह है कि जब वस्तु और सेवाओं दोनों के आंकड़ों को देखा गया तो भारत की व्यापार वृद्धि दर चीन से अधिक पाई गई।

भारत की व्यापारिक विकास की संभावनाएं मजबूत हैं, और विदेशी कंपनियों द्वारा घरेलू विनिर्माण क्षेत्र में किए जा रहे निवेश से यह और भी बढ़ सकती हैं। इस निवेश से भारत की उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी और वैश्विक व्यापार में इसकी हिस्सेदारी और अधिक बढ़ेगी।

एशियाई अर्थव्यवस्थाएं बेहतर प्रदर्शन को तैयार

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के साथ वियतनाम, इंडोनेशिया और फिलीपींस जैसी उभरती एशियाई अर्थव्यवस्थाएं भी व्यापार में मजबूत वृद्धि दर्ज करेंगी। दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र व्यापार वृद्धि के मामले में अन्य क्षेत्रों से बेहतर प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में अस्थिरता के बावजूद भारत अपनी व्यापारिक स्थिति को और मजबूत करता रहेगा और आने वाले वर्षों में एक प्रमुख आर्थिक शक्ति बनकर उभरेगा।

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