भोपाल। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 के दूसरे दिन ‘प्रवासी मध्यप्रदेश समिट’ का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें प्रदेश का नाम देश-विदेश में रोशन करने वाले प्रवासी भाइयों और बहनों को संबोधित किया गया। इस समिट का उद्देश्य निवेश के नए अवसरों को बढ़ावा देना और प्रवासी भारतीयों को प्रदेश के विकास से जोड़ना था। इस विशेष आयोजन में कई उद्योगपति, नीति-निर्माता और प्रवासी मध्यप्रदेशियों ने भाग लिया।

VR (Virtual Reality) के माध्यम से बाबा महाकाल के दर्शन
इस समिट की एक खास बात यह रही कि प्रतिभागियों को VR (Virtual Reality) टेक्नोलॉजी के माध्यम से बाबा महाकाल के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस अनूठे अनुभव ने प्रवासी भारतीयों को महाकालेश्वर मंदिर की दिव्यता और आध्यात्मिकता से जोड़ा।
मुख्यमंत्री ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि तकनीक के उपयोग से प्रदेश की संस्कृति और आध्यात्मिक धरोहर को वैश्विक मंच पर पहुँचाने का यह एक बेहतरीन प्रयास है।


निवेश के अवसरों पर प्रमुख घोषणाएँ
इस समिट के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में निवेश की नई संभावनाओं को लेकर कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को वैश्विक निवेश केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है और इसके लिए अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश के अनुकूल माहौल तैयार किया गया है।
मुख्य बिंदु:
✅ प्रवासी मध्यप्रदेशियों को निवेश के लिए विशेष प्रोत्साहन
✅ पर्यटन, टेक्नोलॉजी और औद्योगिक विकास में सहयोग के अवसर
✅ मध्यप्रदेश में स्टार्टअप्स और इनोवेशन को बढ़ावा देने की रणनीति
✅ प्रदेश के युवा उद्यमियों को वैश्विक मंच से जोड़ने पर चर्चा
प्रवासी भारतीयों का योगदान और सम्मान
समिट के दौरान उन प्रवासी भारतीयों को भी सम्मानित किया गया, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मध्यप्रदेश का नाम रोशन किया है। विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले प्रवासी भारतीयों ने अपने अनुभव साझा किए और प्रदेश के विकास में योगदान देने की इच्छा जताई।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 के इस महत्वपूर्ण सत्र में प्रदेश सरकार ने निवेश बढ़ाने, प्रवासी मध्यप्रदेशियों को जोड़ने और आध्यात्मिक पर्यटन को प्रोत्साहित करने की दिशा में नए कदम उठाए हैं।