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February 8, 2025 3:16 AM

फिटजी कोचिंग संस्थान के बाहर अभिभावकों का धरना प्रदर्शन, 700 बच्चों के पैसे फंसे हुए हैं 12-15 करोड़ रुपए

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भोपाल। आज सुबह 11 बजे भोपाल के प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान फिटजी के बाहर अभिभावकों ने धरना प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन उस स्थिति को लेकर था, जब उनके बच्चों की कोचिंग बंद हो गई और उनका लगभग 12-15 करोड़ रुपए का धन फंस गया। कई अभिभावकों का कहना था कि उन्हें इस मामले में न तो प्रशासन से कोई सहायता मिल रही है, न ही पुलिस से कोई ठोस प्रतिक्रिया मिली है।

मामला क्या है?

अखिलेश अग्रवाल, जो एक अभिभावक हैं, ने बताया कि उनका बेटा पिछले चार साल से फिटजी का इंटीग्रेटेड कोर्स कर रहा था। पहले दो साल यानी कक्षा 9 और 10 में क्लासेज सामान्य रूप से चलीं, लेकिन दिसंबर के पहले सप्ताह में यह जानकारी मिली कि फिटजी कोचिंग सेंटर अचानक बंद हो गया है। इससे न केवल उनके बेटे का भविष्य संकट में आ गया, बल्कि लगभग 700 छात्रों के अभिभावक इस समय आर्थिक रूप से परेशान हो गए हैं क्योंकि उनके द्वारा दी गई फीस करीब 12 से 15 करोड़ रुपये तक की राशि में फंसी हुई है।

प्रशासन और पुलिस की नाकामी

अखिलेश अग्रवाल और अन्य अभिभावकों ने इस मामले की शिकायत कलेक्ट्रेट और पुलिस में दर्ज कराई थी, लेकिन अब तक किसी भी प्रशासनिक या पुलिस अधिकारी से कोई ठोस जवाब नहीं मिला है। इसीलिए, आज अभिभावक एकजुट होकर फिटजी कोचिंग संस्थान के बाहर अपनी आवाज उठाने पहुंचे। कई अभिभावकों ने अपनी स्थिति का ब्यौरा दिया और बताया कि वे अपने बच्चों का भविष्य बचाने और फंसी हुई रकम को वापस पाने के लिए प्रशासन से मदद की उम्मीद कर रहे हैं।

कोचिंग संस्थान का पक्ष

इस बीच, फिटजी के सेंटर हेड ने एक पत्र जारी किया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि संस्थान को चलाने के लिए वे अब कुछ नहीं कर सकते। इस पत्र में यह भी कहा गया है कि अभिभावकों को अब अपनी फीस की रकम दिल्ली स्थित सेंटर से मांगनी चाहिए। हालांकि, भोपाल सेंटर के संचालक केके पांडे ने इस मामले में कोई बयान नहीं दिया और उन्होंने अभिभावकों से संवाद करने से इनकार कर दिया।

12 से 15 करोड़ रुपये की राशि फंसी

अभिभावकों का कहना है कि हर एक पेरेंट्स ने अपने बच्चों की कोचिंग फीस के रूप में लगभग 2 लाख रुपये जमा किए थे, और कुल मिलाकर यह राशि लगभग 12 से 15 करोड़ रुपये तक पहुंचती है। इस मामले में न केवल बच्चों के भविष्य पर संकट है, बल्कि अभिभावकों को भी आर्थिक रूप से भारी नुकसान हो रहा है।

प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई

इस मामले में प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए कोचिंग सेंटर का गुमास्ता (बिजनेस लाइसेंस) रद्द कर दिया है। इसके अलावा, प्रशासन ने अभिभावकों को उनका पैसा वापस दिलाने का आश्वासन दिया है। हालांकि, पुलिस की तरफ से अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे अभिभावकों में निराशा की भावना है।

फिटजी की स्थिति

फिटजी (FIITJEE) भारत के प्रमुख कोचिंग संस्थानों में से एक है, जिसका नाम आईआईटी और अन्य प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिए उत्कृष्ट कोचिंग देने के लिए जाना जाता है। देशभर में फिटजी की 72 शाखाएँ हैं, और यह संस्थान लाखों छात्रों को अपनी शिक्षा सेवाएं प्रदान करता है। हालांकि, वर्तमान घटनाओं ने इस प्रतिष्ठित संस्थान की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं।

अभिभावक अब यह जानना चाहते हैं कि क्या उनकी फीस की राशि वापस मिलेगी, और उनके बच्चों का भविष्य सुरक्षित रहेगा या नहीं। प्रशासन को उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले का समाधान होगा, लेकिन पुलिस की कार्रवाई में देरी से अभिभावकों की चिंता बढ़ रही है।

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