भोपाल। करोड़ों रुपए के घोटाले के आरोपियों सौरभ शर्मा, शरद जायसवाल, और चेतन सिंह को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने आज कोर्ट में पेश किया। इन तीनों आरोपियों की रिमांड बढ़ाने की मांग की गई है, क्योंकि ईडी को उनसे और पूछताछ करनी है।
ईडी की पूछताछ में नया खुलासा
ईडी की पूछताछ में शरद जायसवाल ने यह बताया कि उसकी सौरभ शर्मा से मुलाकात करीब साढ़े चार साल पहले हुई थी। वह पहले से ही कंस्ट्रक्शन के फील्ड में था। शरद ने बताया कि सौरभ ने उसे कंस्ट्रक्शन के बड़े ठेके दिलवाने का ऑफर दिया था, और बाद में दोनों ने साथ में काम करना शुरू किया। सौरभ ने शरद को होटल की देखरेख का जिम्मा भी सौंपा और अविरल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराया, जिसमें शरद और चेतन को बराबरी का साझेदार बताया।
सौरभ और शरद के बीच का संबंध
ईडी की पूछताछ में यह भी सामने आया कि सौरभ शर्मा, जो पहले आरटीओ अधिकारी था, ने शरद जायसवाल के साथ मिलकर भोपाल, इंदौर और जबलपुर में कई संपत्तियां खरीदीं। इसके बाद दोनों ने मिलकर फगीटो रेस्टोरेंट भी शुरू किया।
शरद का कहना है कि उसकी मुलाकात सौरभ से रोहित तिवारी के माध्यम से हुई थी, जो सौरभ के साले थे। दोनों के संपर्क में आने के बाद उन्होंने साथ में कई संपत्तियों की खरीद-फरोख्त की और बड़े-बड़े ठेके हासिल किए।
शरद और सौरभ के बीच के नेटवर्क का विस्तार
शरद की भूमिका में काफी बदलाव आया, जब उसने जबलपुर के एक फर्म से कई प्लॉट्स बेचे। यह फर्म बिल्डर्स की प्रॉपर्टी बेचने का काम करती थी। शरद को इस फर्म के प्रमुख कार्यों में से एक जिम्मेदारी मिली, और इसके बाद उसने सौरभ से मिलकर प्रॉपर्टी डीलिंग के कारोबार में और भी विस्तार किया।
➡ ईडी द्वारा रिमांड बढ़ाने की मांग और आगे की जांच जारी है।