वैश्विक संकेतों, विदेशी निवेश और ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों से बाजार में जबरदस्त रौनक

नई दिल्ली, 27 नवंबर (हि.स)। भारतीय शेयर बाजार ने गुरुवार को एक बार फिर इतिहास रच दिया। चौथे कारोबारी दिन बाजार में ऐसी तेज़ी दर्ज की गई जिसने पिछले 14 महीनों के रिकॉर्ड तोड़ दिए। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनुकूल संकेत, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में संभावित कटौती की उम्मीदें और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की बढ़ी सक्रियता ने घरेलू बाजार को मजबूत धार दी। परिणामस्वरूप सेंसेक्स और निफ्टी दोनों नए उच्चतम स्तरों पर पहुंच गए।

शुरुआती कारोबार से ही बाजार में रफ्तार देखने को मिली और निवेशकों के उत्साह ने तेजी को और मजबूती दी। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 416.67 अंक की छलांग लगाकर 86,026.18 अंक पर पहुंच गया, जो इसका अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। पिछला रिकॉर्ड 27 सितंबर 2024 को बना था, जब सेंसेक्स 85,978.25 अंक तक गया था। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 101.65 अंक चढ़कर 26,306.95 के नए सर्वकालिक उच्च स्तर पर जा पहुंचा।

कारोबार के दौरान सेंसेक्स 400.86 अंक यानी 0.47 फीसदी की तेज़ी के साथ 86,010.37 के स्तर पर कारोबार करता दिखाई दिया, जबकि निफ्टी भी 78.10 अंक यानी 0.30 फीसदी की बढ़त के साथ 26,283.40 पर मजबूती बनाए हुए था। इससे निवेशकों के पोर्टफोलियो में व्यापक लाभ देखने को मिला।

सेंसेक्स में शामिल 30 प्रमुख कंपनियों में बाज़ाज फाइनेंस, लार्सन एंड टुब्रो, बाजाज फिनसर्व, एशियन पेंट्स, एचडीएफसी बैंक और हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसे शेयरों में तेजी रही, जिसने बाजार को अतिरिक्त सहारा दिया। दूसरी ओर, इटर्नल, अल्ट्राटेक सीमेंट, ट्रेंट और भारतीय स्टेट बैंक के शेयरों में सुस्ती या हल्की गिरावट दर्ज की गई, जो तेज़ रफ्तार बाजार में मामूली बाधा की तरह दिखाई दी।

एक दिन पहले भी बाजार ने मजबूत प्रदर्शन किया था। बुधवार को सेंसेक्स 1022.50 अंक की बड़ी बढ़त के साथ 85,609.51 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 320.50 अंक बढ़कर 26,205.30 पर बंद हुआ था। लगातार दो दिनों की यह भारी तेजी निवेशकों के बढ़ते विश्वास और मजबूत बाज़ार भावना की पुष्टि करती है। यह संकेत भी मिलता है कि निवेशक आगामी समय में ब्याज दरों में कटौती और वैश्विक आर्थिक माहौल में बेहतर संभावनाओं को लेकर पूरी तरह आशावादी हैं।

विश्लेषकों का मानना है कि वैश्विक मोर्चे पर यदि परिस्थितियाँ इसी तरह अनुकूल बनी रहती हैं और विदेशी निवेश का प्रवाह जारी रहता है, तो भारतीय शेयर बाजार आने वाले समय में नई ऊंचाइयों को छू सकता है। घरेलू कंपनियों के सकारात्मक परिणाम, मजबूत मौद्रिक संकेतक और सुधार की राह पर बढ़ती अर्थव्यवस्था इस तेजी को और स्थिरता प्रदान कर सकती है।

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