नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 31 जनवरी को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 प्रस्तुत किया। यह सर्वेक्षण केंद्रीय बजट से एक दिन पहले पेश किया जाता है, जिसमें देश की अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति और आगामी वित्तीय वर्ष के लिए सरकार की संभावनाओं का विश्लेषण किया जाता है।
आर्थिक सर्वेक्षण का महत्व
आर्थिक सर्वेक्षण देश की आर्थिक सेहत का आकलन करने का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है। यह रिपोर्ट जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की वृद्धि दर, महंगाई, रोजगार, औद्योगिक उत्पादन और अन्य महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतकों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करती है। सरकार इस रिपोर्ट के आधार पर आगामी बजट में वित्तीय योजनाएं बनाती है।
महंगाई दर में गिरावट
सर्वेक्षण के अनुसार, दिसंबर 2024 में भारत की खुदरा महंगाई दर चार महीनों के निचले स्तर पर पहुंच गई। यह घटकर 5.22% रह गई, जो कि नवंबर में 5.48% थी। अगस्त 2024 में महंगाई दर 3.65% थी, जो कि बीते महीनों में धीरे-धीरे बढ़ी थी।
मध्यम वर्ग की भूमिका
भारत में मध्यम वर्ग की बड़ी आबादी है, जो देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सर्वेक्षण में इस बात पर जोर दिया गया कि मध्यम वर्ग की बचत और खर्च की आदतें अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में योगदान देती हैं।
आर्थिक सर्वेक्षण और बजट की तैयारी
आर्थिक सर्वेक्षण को एक घरेलू बजट की तरह समझा जा सकता है। जैसे एक परिवार अपनी आमदनी और खर्च का हिसाब रखकर आगामी वर्ष की योजना बनाता है, वैसे ही सरकार भी आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर अगले वित्तीय वर्ष की रणनीति तैयार करती है। यह रिपोर्ट बताती है कि सरकार को कहां निवेश करना चाहिए, किन क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है, और कौन-से नए कदम उठाने होंगे।
आर्थिक विकास के अनुमान
आर्थिक सर्वेक्षण में अनुमान लगाया गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर मजबूत बनी रहेगी। सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने और नई आर्थिक नीतियों को लागू करने की योजना बनाई है।
अगले कदम
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को आम बजट 2024-25 पेश करेंगी। इस बजट में सरकार की नई नीतियां, कर संबंधी बदलाव और विभिन्न योजनाओं की घोषणा की जाएगी। आर्थिक सर्वेक्षण के निष्कर्षों को ध्यान में रखते हुए, बजट में आर्थिक सुधारों पर जोर दिया जाएगा।
आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 देश की आर्थिक स्थिति का महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जो न केवल सरकार बल्कि उद्योग, निवेशकों और आम नागरिकों के लिए भी उपयोगी होता है।