- कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 में फिर से शुरू करने पर सैद्धांतिक सहमति बन गई
नई दिल्ली – विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 में फिर से शुरू करने पर सैद्धांतिक सहमति बन गई है, लेकिन इसके तौर-तरीकों पर चर्चा अभी जारी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता के दौरान तीर्थयात्रा को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछले साल अक्टूबर में रूस के कजान शहर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बैठक के बाद इस विषय पर कई स्तरों पर समग्र और रचनात्मक संवाद हुआ है।
भारत-चीन वार्ता का प्रभाव
जायसवाल ने कहा, “जब से कजान में प्रधानमंत्री और चीन के राष्ट्रपति के बीच बैठक हुई है, तब से विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) के स्तर पर बातचीत हुई है। इसके अलावा, विदेश सचिव ने भी जनवरी में चीन का दौरा किया था, जहां उन्होंने अपने समकक्ष से मुलाकात की थी।” उन्होंने यह भी बताया कि दोनों देशों के बीच बातचीत सही दिशा में आगे बढ़ रही है और कुछ सैद्धांतिक सहमतियां बन चुकी हैं।
विदेश मंत्री की बैठक और यात्रा की बहाली
फरवरी में जोहानिसबर्ग में जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने द्विपक्षीय संबंधों, सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति व्यवस्था और कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली को लेकर चर्चा की थी। जायसवाल ने कहा, “यह तय हो चुका है कि यात्रा 2025 में फिर से शुरू होगी, लेकिन इसे फिर से शुरू करने के तौर-तरीकों पर चर्चा अभी बाकी है।” यात्रा के मार्ग और प्रबंधभारत सरकार हर साल जून से सितंबर के बीच उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रा (1981 से) और सिक्किम में नाथू ला (2015 से) के दो आधिकारिक मार्गों से कैलाश मानसरोवर यात्रा का आयोजन करती है। 2020 में कोविड-19 महामारी और भारत-चीन सीमा विवाद के कारण इस यात्रा को स्थगित कर दिया गया था।
भविष्य की उम्मीदेंविदेश मंत्रालय को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इस यात्रा को लेकर और प्रगति होगी और यात्रा पुनः सुचारु रूप से शुरू की जा सकेगी। तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा मार्ग, सुरक्षा और अन्य आवश्यकताओं पर दोनों देशों के बीच जल्द सहमति बनने की संभावना है।