- डीएनए जांच के बाद दो शवों की होगी पहचान
देवास। गुजरात के बनासकांठा जिले में हुए पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट में मध्यप्रदेश के हरदा और देवास जिले के 20 मजदूरों की मौत हो गई। इस हादसे में 5 से 8 साल तक के बच्चे भी शामिल थे। देवास के नेमावर घाट पर बुधवार को 18 शवों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। दो शवों की पहचान नहीं हो पाने के कारण डीएनए जांच के लिए भेजा गया है।
भयावह था विस्फोट, शवों के अंग दूर तक बिखरे
यह हादसा मंगलवार सुबह 8 बजे बनासकांठा के डीसा में हुआ, जब फैक्ट्री में बॉयलर फटने से भीषण विस्फोट हो गया। धमाके की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि मजदूरों के शरीर के अंग 50 मीटर तक दूर बिखर गए। फैक्ट्री के पीछे के खेतों में भी मानव अवशेष मिले। इस हादसे में हरदा के हंडिया क्षेत्र के 8 और देवास के संदलपुर के 9 मजदूरों की जान चली गई। एक ठेकेदार की भी मौत हो गई, जबकि 8 मजदूर घायल हैं, जिनमें से 3 की हालत नाजुक बनी हुई है।
प्रशासन की देखरेख में हुआ अंतिम संस्कार
देवास के 9 मजदूरों के शव पहले उनके गांव संदलपुर लाए गए, जहां परिजनों ने अंतिम दर्शन किए। वहीं, हरदा के हंडिया के मजदूरों के शव गुजरात से सीधे नेमावर घाट लाए गए। पूरे इलाके में मातम छाया हुआ था। अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में स्थानीय प्रशासन और पुलिस भी मौजूद रही।
एम्बुलेंस से लाए गए शव, तकनीकी खराबी बनी बाधा
मृतकों के शवों को लाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने विशेष इंतजाम किए थे। मंत्री नागर सिंह के नेतृत्व में पुलिस-प्रशासन की टीम शवों को लेने गुजरात गई थी। हालांकि, शवों को लाने के दौरान एक एम्बुलेंस में तकनीकी खराबी आ गई, जिससे थोड़ी देर के लिए प्रक्रिया रुकी, लेकिन बाद में नई एम्बुलेंस की व्यवस्था कर शवों को रवाना किया गया। देवास जिले में एक साथ इतने शवों को सुरक्षित रखने की सुविधा न होने के कारण सभी शवों को इंदौर के एमवाय अस्पताल की मॉर्चरी में रखा गया था। गुरुवार सुबह शवों को संदलपुर लाया गया, जहां अंतिम दर्शन के बाद उन्हें नेमावर घाट ले जाकर अंतिम संस्कार किया गया।