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May 17, 2025 11:31 AM

‘प्रतिभा, मिजाज और तकनीक की त्रिमूर्ति से बनेगा विकसित भारत’: प्रधानमंत्री मोदी

  • “प्रतिभा, मिजाज और प्रौद्योगिकी की त्रिमूर्ति” ही भारत को अगले 25 वर्षों में विश्व मंच पर अग्रणी राष्ट्र बना सकती है

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भारत मंडपम में आयोजित YUGM इनोवेशन कॉन्क्लेव 2025 का उद्घाटन करते हुए देश के विकसित भारत के विजन पर जोर दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि “प्रतिभा, मिजाज और प्रौद्योगिकी की त्रिमूर्ति” ही भारत को अगले 25 वर्षों में विश्व मंच पर अग्रणी राष्ट्र बना सकती है।

नीति, नवाचार और नई ऊर्जा का संगम

‘युग्म’ नाम से आयोजित यह सम्मेलन भारत में अपनी तरह का पहला व्यापक नवाचार केंद्रित नीति मंच है, जहां सरकार, शिक्षा जगत, उद्योग और स्टार्टअप समुदाय के प्रतिनिधि एकजुट हुए। प्रधानमंत्री ने इस “एकजुटता” को ही ‘युग्म’ का सार बताया – एक ऐसा मंच जो फ्यूचर टेक्नोलॉजी और डीप टेक्नोलॉजी में भारत की क्षमता को दिशा देगा।

विचार से उत्पाद तक की यात्रा तेज हो

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने इनोवेशन की प्रक्रिया को तेज करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा, “हमारे पास समय सीमित है, लेकिन लक्ष्य बहुत बड़े हैं। इसलिए जरूरी है कि विचार की प्रोटोटाइप से उत्पाद तक की यात्रा भी कम से कम समय में पूरी हो।”

बच्चों से लेकर युवाओं तक, शिक्षा और तकनीक को बनाया केंद्र

प्रधानमंत्री ने बच्चों के लिए विशेष पोस्टर अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि बचपन से ही नवाचार और सोच की दिशा तय करना ज़रूरी है। उन्होंने बताया कि ‘दीक्षा’ जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर 30 से ज्यादा भारतीय भाषाओं और 7 विदेशी भाषाओं में टेक्स्टबुक तैयार की जा रही हैं, जिससे शिक्षा को नई ऊंचाई मिल रही है।

वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन से रिसर्च तक आसान पहुंच

मोदी ने ‘वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन’ योजना को युवाओं के लिए क्रांतिकारी कदम बताया। उन्होंने कहा कि इससे उच्च शिक्षा में पढ़ रहे छात्रों को विश्व स्तरीय शोध पत्रिकाओं तक मुफ्त और सरल पहुंच मिल रही है। उनके अनुसार, भारत के विश्वविद्यालय अब नवाचार के केंद्र बनते जा रहे हैं जहां युवाओं की ऊर्जा नए विचारों को जन्म दे रही है।

विकसित भारत का सपना: शिक्षा और तकनीक से ही होगा साकार

प्रधानमंत्री ने साफ किया कि अगर भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाना है, तो हमें अपनी शिक्षा प्रणाली, नवाचार मॉडल और युवाओं की सोच को समकालीन और वैश्विक बनाना होगा।

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