दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने कहा है कि जब तक कोर्ट की अनुमति नहीं मिलती, तब तक वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) द्वारा लागू किए गए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP-4) के तहत लागू किए गए प्रतिबंधों में कोई ढील नहीं दी जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के इस सख्त रुख से यह साफ है कि दिल्ली में प्रदूषण पर काबू पाने के लिए कठोर कदम उठाने की जरूरत है।
प्रदूषण पर चिंता
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की बिगड़ती वायु गुणवत्ता पर गंभीर चिंता जताई है। कोर्ट ने कहा कि बढ़ते प्रदूषण के कारण दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों के लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। अदालत ने दिल्ली सरकार से पूछा कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं और क्या प्रभावी नीतियाँ बनाई गई हैं। कोर्ट ने प्रदूषण की इस स्थिति के लिए राज्य सरकारों की निष्क्रियता को जिम्मेदार ठहराया है और उन्हें त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
GRAP-4 के तहत सख्त नियम
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा लागू किए गए GRAP-4 में दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में कई सख्त नियम लागू हैं। इसमें निर्माण कार्यों पर रोक, ट्रक और भारी वाहनों का प्रवेश सीमित करना, निजी वाहनों की आवाजाही पर नियंत्रण और उद्योगों में प्रदूषण फैलाने वाले उपकरणों पर प्रतिबंध शामिल है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि इन नियमों में तब तक कोई ढील नहीं दी जा सकती जब तक प्रदूषण स्तर में ठोस सुधार नहीं दिखाई देता।
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
अदालत ने दिल्ली सरकार और अन्य संबंधित एजेंसियों से कहा है कि वे जनता के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए प्रदूषण नियंत्रण के सभी आवश्यक कदम उठाएं। कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण में लापरवाही बरतने वालों पर भी सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।