- “हम अभी-अभी आए हैं और इस यात्रा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, हम यहां आकर बहुत खुश हैं।”
इंफाल (मणिपुर) । सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति बीआर गवई के नेतृत्व में पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शनिवार को मणिपुर के इंफाल पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल में न्यायमूर्ति सूर्यकांत, विक्रम नाथ, एमएम सुंदरेश, केवी विश्वनाथन और एन कोटिश्वर शामिल हैं। इस यात्रा के दौरान वे राहत शिविरों का दौरा करेंगे और वहां की स्थिति का जायजा लेंगे।
विधिक सेवा शिविरों का उद्घाटन
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति बीआर गवई मणिपुर के विभिन्न जिलों में विधिक सेवा शिविरों और चिकित्सा शिविरों का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे। साथ ही, इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम और उखरुल जिलों में नए विधिक सहायता क्लीनिकों की भी शुरुआत की जाएगी। इन शिविरों के माध्यम से आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों (IDP) को सरकारी कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा, जिससे उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं, पेंशन, रोजगार योजनाओं और पहचान दस्तावेजों जैसे लाभ प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
सुप्रीम कोर्ट के दौरे पर राजनीतिक प्रतिक्रिया
इससे पहले, कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने सुप्रीम कोर्ट के जजों के इस दौरे का स्वागत किया था। उन्होंने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने में हुई देरी पर सवाल उठाते हुए कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2023 में कहा था कि राज्य में संवैधानिक तंत्र पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है। इसके बावजूद सरकार को राष्ट्रपति शासन लगाने में 18-19 महीने क्यों लगे?”
मणिपुर हिंसा की पृष्ठभूमि
मणिपुर में हिंदू मैतेई और आदिवासी कुकी समुदायों के बीच हिंसा 3 मई, 2023 को भड़क उठी थी। ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (ATSUM) की एक रैली के बाद राज्यभर में अशांति फैल गई थी। इस हिंसा पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार को अर्धसैनिक बलों की तैनाती करनी पड़ी थी। प्रतिनिधिमंडल की यात्रा से उम्मीद है कि प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे और न्याय प्रणाली का भरोसा बहाल होगा।