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February 8, 2025 1:48 AM

कॉर्पोरल डाभी संजय और फ्लाइट लेफ्टिनेंट अमन सिंह को मिला शौर्य चक्र: अदम्य साहस और वीरता की मिसाल

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नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारतीय वायुसेना के जवानों को अदम्य साहस और वीरता के लिए सम्मानित किया। राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में कॉर्पोरल डाभी संजय हिफ्फाबाई और फ्लाइट लेफ्टिनेंट अमन सिंह हंस को देश के तीसरे सबसे बड़े वीरता पुरस्कार ‘शौर्य चक्र’ से सम्मानित किया गया। इनके अलावा कई अन्य वायुसेना अधिकारियों और जवानों को भी उनकी बहादुरी के लिए वीरता पदक प्रदान किए गए।

वीरता का प्रदर्शन कर देश का मान बढ़ाया

कॉर्पोरल डाभी संजय: अदम्य साहस और बहादुरी की कहानी

कॉर्पोरल डाभी संजय ने आतंकवादियों से सामना करते हुए जो अदम्य साहस दिखाया, वह पूरे देश के लिए प्रेरणा है। पिछले साल उनके काफिले पर आतंकवादियों ने हमला किया था। संजय ने अपने घायल होने के बावजूद आतंकवादियों का मुकाबला किया।

हमले के दौरान संजय को दाहिने हाथ में गोलियां लगीं और चेहरे तथा ऊपरी शरीर पर कई चोटें आईं। अत्यधिक रक्तस्राव और गंभीर चोटों के बावजूद, उन्होंने संयम बनाए रखा और जवाबी गोलीबारी करते हुए आतंकवादियों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। उनकी बहादुरी के कारण उनके साथियों को आतंकवादियों पर जवाबी कार्रवाई करने का समय और मौका मिला।

फ्लाइट लेफ्टिनेंट अमन सिंह: जीवन रक्षक पायलट

28 मार्च, 2024 की रात फ्लाइट लेफ्टिनेंट अमन सिंह के मिग-29 विमान में उड़ान भरने के 20 मिनट बाद ही तकनीकी खराबी आ गई। यह घटना 28,000 फीट की ऊंचाई (करीब 8.5 किमी) पर हुई। अत्यधिक खतरे और पर्यावरणीय चुनौतियों के बावजूद, अमन सिंह ने विमान को कुशलतापूर्वक नियंत्रित किया। उनकी त्वरित प्रतिक्रिया और अद्भुत स्थिति-सतर्कता की वजह से एक बड़ी दुर्घटना टल गई और कई लोगों की जान बच गई। उनकी इस अनुकरणीय बहादुरी के लिए उन्हें ‘शौर्य चक्र’ से सम्मानित किया गया।

वीरता पदक से सम्मानित अन्य जवान

कॉर्पोरल विक्की पहाड़े (मरणोपरांत): आतंकियों से मोर्चा लिया

कॉर्पोरल विक्की पहाड़े, जो एक संचार तकनीशियन थे, को उनकी वीरता के लिए मरणोपरांत वायुसेना पदक से सम्मानित किया गया। पिछले साल 4 मई को, जब वे फील्ड सप्लाई डिपो से वापस लौट रहे थे, उनके वाहन पर आतंकवादियों ने घात लगाकर हमला कर दिया। विक्की पहाड़े ने अपनी व्यक्तिगत बंदूक से आतंकवादियों का डटकर सामना किया और उनके साहसिक कार्य से अन्य कर्मियों को जवाबी कार्रवाई करने का समय मिला।

अन्य वीरता पुरस्कार विजेता

राष्ट्रपति ने स्क्वाड्रन लीडर प्रथमेश दी डोंगरे, ग्रुप कैप्टन अंकित राज सिंह, विंग कमांडर अंकित सूद, विंग कमांडर अक्षय सक्सेना और फ्लाइट लेफ्टिनेंट तरुण नायर को भी वायुसेना पदक से सम्मानित किया। इन सभी अधिकारियों ने अपने कर्तव्यों के दौरान साहस और वीरता का प्रदर्शन किया।

सम्मान का महत्व

राष्ट्रपति द्वारा दिए गए ये पुरस्कार भारतीय वायुसेना के जवानों की निडरता, बहादुरी और देशभक्ति को सलाम हैं। इन जवानों की वीरता ने न केवल वायुसेना की प्रतिष्ठा को ऊंचा किया, बल्कि देशवासियों का गर्व भी बढ़ाया।

देश के सच्चे नायक

ये वीर जवान न केवल वायुसेना के लिए बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा हैं। इनकी बहादुरी ने साबित कर दिया कि हर मुश्किल घड़ी में हमारे जवान देश और उसके नागरिकों की सुरक्षा के लिए तत्पर रहते हैं।

जय हिंद।

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