- भारत-म्यांमार सीमा पर निगरानी बढ़ाई गई, घाटी में घुसपैठ पर कड़ी नजर
नई दिल्ली। भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शुक्रवार को मानेकशा सेंटर में आयोजित सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में देश की राष्ट्रीय सुरक्षा और विभिन्न सीमाओं की स्थिति पर खुलकर चर्चा की। उन्होंने पूर्वी लद्दाख के डेप्सांग और डेमचोक में पारंपरिक गश्त और चराई के फिर से शुरू होने की जानकारी दी। इसके अलावा, भारत-म्यांमार सीमा पर निगरानी बढ़ाने, कश्मीर घाटी में आतंकियों की घुसपैठ पर रोकथाम, और मणिपुर में हिंसा से निपटने के लिए उठाए गए कदमों पर भी प्रकाश डाला।
डेप्सांग और डेमचोक में विवाद सुलझा
जनरल द्विवेदी ने कहा कि अक्टूबर 2024 में पूर्वी लद्दाख के डेप्सांग और डेमचोक क्षेत्रों में लंबे समय से चले आ रहे विवाद को सुलझा लिया गया है। दोनों क्षेत्रों में पारंपरिक चराई और गश्त अब फिर से शुरू हो गई है। उन्होंने इसे एक सकारात्मक कदम बताते हुए कहा कि यह सीमा विवादों को सुलझाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति है।
मणिपुर में सुरक्षा बलों के प्रयास से स्थिति नियंत्रण में
मणिपुर में जारी हिंसा और अस्थिरता पर बात करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि सुरक्षा बलों और सरकार के समन्वित प्रयासों से स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में आ गई है। हालांकि, हिंसा की घटनाएं अभी भी रुक-रुक कर हो रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार और सेना स्थानीय संगठनों और दिग्गज नेताओं के साथ मिलकर राज्य में शांति स्थापित करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि भारत-म्यांमार सीमा पर अशांति को सीमित करने के लिए निगरानी बढ़ाई गई है। साथ ही, आपदा राहत और मानवीय सहायता के लिए विशेष रूप से 17 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है।
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पर लगाम
कश्मीर घाटी की स्थिति पर सेना प्रमुख ने कहा कि पिछले साल मारे गए 60% आतंकवादी पाकिस्तानी मूल के थे। उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्षविराम के बावजूद आतंकी ढांचा सक्रिय है और घुसपैठ की कोशिशें लगातार जारी हैं।
उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में हिंसा के स्तर को कम करने के लिए एलओसी पर 15,000 अतिरिक्त सैनिक तैनात किए गए हैं। इन प्रयासों का असर यह हुआ कि 2024 के संसदीय और विधानसभा चुनावों में 60% मतदान हुआ, जो स्थानीय शांति और स्थिरता का संकेत है।
भारत-म्यांमार सीमा पर कड़ी निगरानी
म्यांमार में जारी अशांति को देखते हुए भारत-म्यांमार सीमा पर निगरानी बढ़ाई गई है। सेना प्रमुख ने बताया कि सीमा पर वर्चस्व कायम करने के लिए नए उपकरण और संसाधन तैनात किए गए हैं।
सीमा विवादों का शांतिपूर्ण समाधान
जनरल द्विवेदी ने कहा कि देश की उत्तरी सीमाओं पर स्थिति संवेदनशील लेकिन स्थिर है। उन्होंने कहा कि सीमा विवादों को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने की प्रक्रिया जारी है, और डेप्सांग और डेमचोक में पारंपरिक गतिविधियों की बहाली इसका प्रमाण है।
भारतीय सेना के प्रयासों और रणनीतियों से यह स्पष्ट है कि देश की सीमाओं पर स्थिरता और सुरक्षा बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। जनरल द्विवेदी ने इस बात पर जोर दिया कि सेना और सरकार के समन्वित प्रयासों से देश की सुरक्षा मजबूत हुई है और देशवासियों को भरोसा दिलाया कि सीमाओं पर सेना पूरी तरह सतर्क और तैयार है।