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April 19, 2025 3:23 AM

ट्रेड वॉर के बीच चीन ने 7 रेयर अर्थ धातुओं के निर्यात पर लगाई रोक, दुनियाभर की टेक इंडस्ट्री पर असर

ड वॉर के बीच चीन ने 7 रेयर अर्थ धातुओं के निर्यात पर लगाई रोक

हेडलाइन:
चीन ने 7 रेयर अर्थ धातुओं के निर्यात पर लगाई सख्त रोक: ट्रेड वॉर के बीच टेक और डिफेंस इंडस्ट्री पर भारी असर

मुख्य समाचार:
अमेरिका से बढ़ते तनाव के बीच चीन का बड़ा फैसला: 7 कीमती धातुओं और मैग्नेट्स के निर्यात पर लगाई रोक, दुनियाभर की इंडस्ट्री पर मंडराया संकट

चीन ने अमेरिका के साथ जारी व्यापारिक तनाव के बीच एक बड़ा और रणनीतिक कदम उठाते हुए 7 बेहद अहम रेयर अर्थ मटेरियल्स के निर्यात पर रोक लगा दी है। ये धातुएं आधुनिक टेक्नोलॉजी के लिए रीढ़ की हड्डी मानी जाती हैं, जिनका इस्तेमाल कार, ड्रोन, मिसाइल, रोबोट, सेमीकंडक्टर और एयरोस्पेस सेक्टर में होता है।

चीन का यह फैसला न केवल अमेरिकी कंपनियों के लिए बल्कि पूरी दुनिया की टेक और डिफेंस इंडस्ट्री के लिए चिंता का कारण बन गया है।

मैग्नेट्स की शिपमेंट भी रुकी

चीन ने न केवल इन धातुओं पर रोक लगाई है, बल्कि उनसे बने मैग्नेट्स—जो इलेक्ट्रिक वाहनों से लेकर फाइटर जेट्स और मिसाइलों तक में लगाए जाते हैं—की शिपमेंट भी बंदरगाहों पर रोक दी है। अब ये केवल खास परमिट के जरिए ही निर्यात किए जा सकते हैं।

सरकारी आदेश 4 अप्रैल को जारी हुआ, जिसके बाद से इन सभी मटेरियल्स की चीन से बाहर भेजी जाने वाली खेप पर रोक लग गई है।

क्या हैं ये रेयर अर्थ मटेरियल्स?

चीन की ओर से धातुओं की पूरी सूची सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक इसमें डिस्प्रोसियम, नियोडिमियम, टेर्बियम, प्रासेओडिमियम और होल्मियम जैसी धातुएं शामिल हो सकती हैं।

इनसे बने मैग्नेट्स का इस्तेमाल स्मार्टफोन, MRI मशीन, रडार सिस्टम, जेट इंजन, और हाई परफॉर्मेंस इलेक्ट्रिक मोटर्स में होता है। यानी ये टेक्नोलॉजी के हर कोने में शामिल हैं।

चीन की रणनीति क्या है?

विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका द्वारा चिप टेक्नोलॉजी और सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में चीन पर लगे प्रतिबंधों का जवाब देने के लिए बीजिंग यह रणनीति अपना रहा है। इन रेयर अर्थ मटेरियल्स पर चीन की वैश्विक सप्लाई में 70% से ज्यादा की हिस्सेदारी है, और वह इसका उपयोग अब रणनीतिक हथियार की तरह कर रहा है।

वैश्विक प्रभाव और चिंता

इस फैसले से जापान, अमेरिका, कोरिया और यूरोप की बड़ी कंपनियों की सप्लाई चेन बुरी तरह प्रभावित हो सकती है। उत्पादन में देरी, लागत में वृद्धि और कच्चे माल की कमी जैसी समस्याएं इन कंपनियों को झेलनी पड़ सकती हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि वैकल्पिक स्रोत ढूंढना आसान नहीं है, क्योंकि इन धातुओं की प्रोसेसिंग और सप्लाई पर चीन की पकड़ दशकों से बनी हुई है।



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