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PNB घोटाले का आरोपी मेहुल चोकसी बेल्जियम में गिरफ्तार, भारत ने शुरू की प्रत्यर्पण की कवायद
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले का मुख्य आरोपी और भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी आखिरकार बेल्जियम में पकड़ा गया है। यह कार्रवाई भारत की केंद्रीय जांच एजेंसी CBI के आग्रह पर की गई, जो चोकसी की गिरफ्तारी के लिए लंबे समय से प्रयासरत थी।
मेहुल चोकसी, जो एंटीगुआ की नागरिकता ले चुका है, कथित रूप से इलाज के बहाने यूरोप पहुंचा था। वहीं बेल्जियम में उसकी लोकेशन ट्रैक की गई और स्थानीय अधिकारियों ने उसे हिरासत में ले लिया। भारत की तरफ से तुरंत प्रत्यर्पण की औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
बीमारी का सहारा लेकर बचने की कोशिश
चोकसी के वकीलों का दावा है कि वह गंभीर बीमारी से जूझ रहा है और बेल्जियम की अदालत में जमानत के लिए अपील कर सकता है। इससे पहले भी उसने भारत लौटने से इंकार करते हुए स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया था।
दो गिरफ्तारी वारंट और जांच एजेंसियों की सक्रियता
CBI की ओर से मुंबई कोर्ट द्वारा जारी दो गिरफ्तारी वारंट पहले से ही लंबित हैं। अब जब चोकसी गिरफ्तार हो गया है, तो भारत की एजेंसियां—CBI और प्रवर्तन निदेशालय (ED)—बेल्जियम कोर्ट में उसके प्रत्यर्पण और जमानत के विरोध में दस्तावेज पेश करेंगी।
संपत्तियों की जब्ती और वित्तीय रिकवरी
ईडी ने चोकसी के खिलाफ आर्थिक धोखाधड़ी के तहत कार्रवाई तेज कर दी है। विदेशों में उसकी 80 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियों का पता लगाया गया है, जिसमें दुबई, अमेरिका, थाईलैंड और जापान में मौजूद पांच लग्जरी प्रॉपर्टीज़ शामिल हैं। अब तक चोकसी की लगभग 2,500 करोड़ रुपये की संपत्तियों की वसूली की जा चुकी है।
भारत के लिए एक अहम मौका
चोकसी की गिरफ्तारी भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक और कानूनी जीत मानी जा रही है। अगर प्रत्यर्पण सफल होता है, तो यह घोटाले में अन्य आरोपियों के खिलाफ भी एक सशक्त संदेश होगा।
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