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February 15, 2025 7:53 PM

बोरवेल में फंसी चेतना: आठवें दिन भी एनडीआरएफ का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

बोरवेल में फंसी चेतना | बोरवेल में फंसी चेतना: आठवें दिन भी एनडीआरएफ का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

कोटपूतली। राजस्थान के कोटपूतली में 700 फीट गहरे बोरवेल में फंसी तीन साल की मासूम चेतना तक एनडीआरएफ की टीम आज पहुंचने का दावा कर रही है। करीब 170 फीट की गहराई में मौजूद टीम के कमांडर ने कहा कि सोमवार सुबह 6:30 बजे तक 7 फीट टनल की खुदाई हो चुकी है। अब केवल 1.5 फीट चौड़ी चट्टान को ड्रिल करना बाकी है। हालांकि, चट्टान की कठोरता के कारण हर घंटे केवल 2 से 4 इंच ही ड्रिलिंग हो पा रही है।

रेस्क्यू ऑपरेशन के आठवें दिन चेतना की स्थिति को लेकर अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने इसे राजस्थान का अब तक का सबसे चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन बताया है। 28 दिसंबर को चेतना के परिवार और ग्रामीणों ने प्रशासन पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए।

8 दिन से चल रहा है रेस्क्यू ऑपरेशन
सोमवार, 23 दिसंबर को दोपहर करीब दो बजे खेलते समय चेतना बोरवेल में गिर गई थी। वह लगभग 150 फीट की गहराई पर फंसी थी। स्थानीय जुगाड़ के माध्यम से उसे केवल 30 फीट ऊपर लाने में सफलता मिली। लेकिन, इसके बाद से उसे पानी तक नहीं पहुंचाया जा सका है।

मंगलवार, 24 दिसंबर की शाम से चेतना की कोई मूवमेंट नहीं दिख रही है। अधिकारियों ने बीते कई दिनों से उसके कैमरे की इमेज या विजुअल साझा नहीं किए हैं। चेतना के परिवार और ग्रामीणों ने प्रशासन की इस चुप्पी पर सवाल उठाए हैं।

चेतना तक पहुंचने में चुनौतियां

एनडीआरएफ रेस्क्यू ऑपरेशन

एनडीआरएफ के जवान पूरी सावधानी के साथ खुदाई कर रहे हैं। चट्टान की कठोरता और बोरवेल की गहराई ने रेस्क्यू ऑपरेशन को बेहद जटिल बना दिया है। विशेषज्ञों की टीम और जिला प्रशासन के अधिकारी इस ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं।

स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधी चिंताएं
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान स्वास्थ्य और सुरक्षा की भी गंभीर चिंताएं बनी हुई हैं। बोरवेल के अंदर की स्थितियां अत्यंत कठिन हैं, जिसमें लगातार धूल, खतरनाक गैसों और भारी मिट्टी की मौजूदगी से ऑपरेशन और भी मुश्किल हो गया है। अधिकारियों ने कहा है कि ऑपरेशन के दौरान किसी भी प्रकार की शारीरिक सुरक्षा की कोई कमी नहीं होने दी जा रही है।

सामाजिक और प्रशासनिक प्रतिक्रिया
इस हादसे के बाद से प्रशासन और स्थानीय लोगों के बीच एक गहरी चिंता और संवाद का सिलसिला जारी है। स्थानीय विधायक, जिला प्रशासन और एनडीआरएफ के अधिकारियों ने इस पर चिंता जताई है और यह सुनिश्चित किया कि सभी संसाधनों का सही तरीके से उपयोग किया जाए। इस घटना ने बोरवेल से जुड़ी सुरक्षा मानकों और सावधानियों के बारे में भी कई सवाल खड़े किए हैं।

सुरक्षा उपायों पर जोर
स्थानीय प्रशासन ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए बोरवेल सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू किया जाएगा। सरकारी और निजी बोरवेलों में सीलिंग और सुरक्षा उपायों के पालन की दिशा में जल्द ही सख्त कदम उठाए जाएंगे।

पारिवारिक और सामाजिक समर्थन
चेतना के परिवार और स्थानीय समुदाय ने इस मामले में प्रशासन से तेज कार्रवाई की मांग की है। परिवार ने मदद की अपील करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि चेतना को जल्द से जल्द बचा लिया जाएगा। स्थानीय लोग और आसपास के गांव के लोग भी लगातार रेस्क्यू टीम के साथ खड़े हैं और उनकी कोशिशों का समर्थन कर रहे हैं।

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