ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि भारत की नई दिल्ली में किए गए जन-केंद्रित फैसलों को अब वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।
“एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” का संदेश
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” का सिद्धांत आज भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना कि पिछले साल था। उन्होंने इस अवधारणा को वैश्विक समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश के रूप में प्रस्तुत किया और इसे जी20 शिखर सम्मेलन के समक्ष साझा किया। उनका यह संदेश पर्यावरण संरक्षण, वैश्विक समृद्धि और सामाजिक न्याय के महत्व को दर्शाता है।
भारत की भूमिका और नेतृत्व
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की भूमिका पर भी प्रकाश डाला और बताया कि भारत, जो एक विकसित और उभरती हुई शक्ति है, वैश्विक सहयोग में प्रमुख भूमिका निभा रहा है। उन्होंने भारत के नेतृत्व में जी20 देशों के बीच समन्वय को महत्वपूर्ण बताया और विभिन्न वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए एकजुटता की आवश्यकता को स्वीकार किया।
जन-केंद्रित फैसलों की दिशा
भारत द्वारा किए गए जन-केंद्रित फैसलों का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ये निर्णय केवल भारत तक सीमित नहीं हैं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक मार्गदर्शन का कार्य करेंगे। जैसे भारत में डिजिटल ट्रांजेक्शंस, स्वच्छता अभियान और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत किए गए कदमों का लाभ अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी महसूस किया जा सकता है। मोदी ने कहा कि इन फैसलों को वैश्विक स्तर पर लागू करना और साझा करना जरूरी है ताकि पूरी दुनिया की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।
वैश्विक चुनौतियाँ और समाधान
पीएम मोदी ने जी20 देशों को वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए एकजुट होकर काम करने का आह्वान किया। उन्होंने खासतौर पर जलवायु परिवर्तन, आर्थिक असमानता, और वैश्विक स्वास्थ्य संकट जैसे मुद्दों पर संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया।
उनके संबोधन ने सम्मेलन में एक नई दिशा और दृष्टिकोण प्रस्तुत किया, जिसमें भारत की भूमिका को वैश्विक मंच पर मजबूती से प्रदर्शित किया गया।