- पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद कश्मीर घाटी की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया
श्रीनगर। 22 अप्रैल को बैसरन घाटी, पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद कश्मीर घाटी की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। आतंकियों के इरादे साफ हैं—पर्यटकों को डराकर घाटी की अर्थव्यवस्था और पर्यटन उद्योग को नुकसान पहुंचाना। इसी के मद्देनज़र प्रशासन ने घाटी में स्थित 87 सार्वजनिक पार्कों और पर्यटक स्थलों में से 50 स्थानों को बंद कर दिया है।
सुरक्षा कारणों से संवेदनशील इलाकों के गेट बंद
अधिकारियों के अनुसार, जिन स्थानों को बंद किया गया है वे अधिकतर दूरदराज और संवेदनशील क्षेत्रों में स्थित हैं। इनमें वे क्षेत्र भी शामिल हैं जिन्हें पिछले 10 वर्षों में पर्यटन के लिए खोला गया था। प्रशासन का कहना है कि सुरक्षा समीक्षा एक सतत प्रक्रिया है और आने वाले दिनों में और भी स्थानों को प्रतिबंधित किया जा सकता है।
किन पर्यटक स्थलों को किया गया बंद?
बंद किए गए प्रमुख स्थानों में शामिल हैं:
दूषपथरी, कोकरनाग, डुक्सुम, सिंथन टॉप, अच्छाबल, बंगस घाटी, मार्गन टॉप और तोसामैदान। इसके अलावा, दक्षिण कश्मीर के कई मुगल गार्डन भी अस्थायी रूप से पर्यटकों के लिए बंद कर दिए गए हैं। हालांकि इस संबंध में कोई औपचारिक अधिसूचना जारी नहीं की गई है, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने इन स्थलों के प्रवेश द्वार सील कर दिए हैं।
हमले के बावजूद कश्मीर में लौट रहे पर्यटक
हमले के बाद का माहौल गंभीर होने के बावजूद, पर्यटकों का कश्मीर के प्रति जुनून और लगाव कम नहीं हुआ है। भद्रवाह क्षेत्र में मंगलवार को बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचे। एक पर्यटक ने साफ शब्दों में कहा, “पाकिस्तान की हरकतें हमें कश्मीर आने से नहीं रोक सकतीं। यह धरती हमारी है और हम बार-बार आएंगे।” पर्यटकों का यह संदेश आतंकियों को एक कड़ा जवाब है कि डर फैलाकर वे घाटी की आत्मा को नहीं कुचल सकते।
हमला और जवाब
इस हमले में एक विदेशी नागरिक सहित 26 लोगों की जान चली गई थी, जबकि कई लोग घायल हुए थे। घटना के बाद से सेना और सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। घाटी में गश्त और निगरानी बढ़ा दी गई है। ऐसे हालात में पर्यटकों की आवाजाही को लेकर प्रशासन अत्यधिक सतर्क हो गया है।