भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पहले ही दिन कांग्रेस की किसान इकाई ‘किसान कांग्रेस’ ने सोमवार को विधानसभा घेराव का ऐलान किया था। इस प्रदर्शन के लिए कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता भोपाल के रंगमहल चौराहे पर एकत्रित हुए, जहां से वे रोशनपुरा चौराहा होते हुए विधानसभा की ओर कूच करने वाले थे। हालांकि, इस दौरान रंगमहल चौराहे पर बने कांग्रेस के मंच के अचानक टूट जाने से अफरातफरी मच गई। इस हादसे में सात से अधिक कांग्रेस कार्यकर्ता घायल हो गए, जिनमें मध्य प्रदेश किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह चौहान भी शामिल हैं।
पुलिस ने लगाई बेरिकेडिंग, वाटर कैनन भी तैनात
विधानसभा घेराव को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। पुलिस ने जगह-जगह बेरिकेडिंग लगाकर रास्तों को बंद कर दिया, ताकि प्रदर्शनकारी विधानसभा तक न पहुंच सकें। साथ ही, वाटर कैनन की भी व्यवस्था की गई थी, ताकि किसी भी स्थिति में भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।
किसान कांग्रेस का सरकार पर आरोप
प्रदर्शन से पहले किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह चौहान ने सरकार पर तीखे हमले किए। उन्होंने कहा कि भाजपा ने 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले ‘मोदी गारंटी’ के तहत किसानों से कई वादे किए थे, लेकिन उनमें से एक भी पूरा नहीं किया गया। चौहान ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने 2700 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं खरीदने, 3100 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीदने, 450 रुपये में गैस सिलेंडर देने और लाड़ली बहनों को 3000 रुपये प्रति माह देने जैसे वादे किए थे, लेकिन किसी भी वादे को पूरा नहीं किया गया। इसी के विरोध में किसान कांग्रेस विधानसभा का घेराव कर रही है।


कांग्रेस के दिग्गज नेता भी प्रदर्शन में शामिल
इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी, किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह चौहान सहित कई बड़े नेता इस प्रदर्शन में पहुंचे।
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का बड़ा बयान
पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा ने भी इस प्रदर्शन में भाग लिया और भाजपा सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “इस बार कांग्रेस कार्यकर्ता पुलिस की लाठियों, डंडों और पानी की बौछारों से डरने वाले नहीं हैं। हम विधानसभा जाकर इस वादाखिलाफी करने वाली सरकार को घेरेंगे और किसानों के हक की आवाज बुलंद करेंगे।”
क्या होगा आगे?
इस प्रदर्शन के दौरान हुई अव्यवस्था और पुलिस द्वारा की गई सुरक्षा तैयारियों के बीच यह देखना अहम होगा कि क्या कांग्रेस कार्यकर्ता विधानसभा तक पहुंच पाते हैं या नहीं। फिलहाल, प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है और किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा बलों को अलर्ट पर रखा गया है।
भोपाल में किसान कांग्रेस के इस बड़े आंदोलन पर पूरे प्रदेश की निगाहें टिकी हुई हैं। देखना होगा कि इस विरोध प्रदर्शन का आगे क्या असर पड़ता है और सरकार इस पर कैसी प्रतिक्रिया देती है।
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