नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन द्वारा नई दिल्ली से भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज के खिलाफ दायर की गई आपराधिक मानहानि याचिका को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट की एडिशनल चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने यह फैसला सुनाया।
कोर्ट का फैसला और याचिका की पृष्ठभूमि
सत्येंद्र जैन ने बांसुरी स्वराज के खिलाफ यह याचिका इस आधार पर दायर की थी कि उन्होंने 5 अक्टूबर 2023 को एक टीवी इंटरव्यू के दौरान उनके खिलाफ झूठे और मानहानिकारक बयान दिए। जैन ने दावा किया था कि बांसुरी स्वराज ने इंटरव्यू में उन्हें भ्रष्ट और फर्जी करार दिया और कहा कि उनके घर से तीन करोड़ रुपये, 1.8 किलोग्राम सोना और 133 सोने के सिक्के बरामद हुए थे।
बांसुरी स्वराज ने याचिका को राजनीति से प्रेरित बताया
सांसद बांसुरी स्वराज ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए इस याचिका को राजनीति से प्रेरित बताया और इसे खारिज करने की मांग की। उन्होंने कहा कि उनके बयान का उद्देश्य किसी की छवि खराब करना नहीं था, बल्कि तथ्यों पर आधारित था।
सत्येंद्र जैन के आरोप और कोर्ट की टिप्पणी
सत्येंद्र जैन ने अपनी याचिका में कहा था कि यह बयान उनके राजनीतिक करियर और छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए दिया गया था। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि बांसुरी स्वराज ने यह बयान बेजा राजनीतिक लाभ लेने के लिए दिया, जिसे लाखों लोगों ने टीवी पर देखा।
कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 13 फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे अब खारिज कर दिया गया है।
सत्येंद्र जैन पर पहले से चल रहे हैं मामले
गौरतलब है कि सत्येंद्र जैन आय से अधिक संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों का सामना कर रहे हैं। 30 मई 2022 को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें गिरफ्तार किया था। लंबे समय तक जेल में रहने के बाद उन्हें 18 अक्टूबर 2024 को जमानत मिली थी।
क्या है आगे की संभावना?
इस फैसले के बाद बांसुरी स्वराज को बड़ी राहत मिली है, जबकि सत्येंद्र जैन के पास अभी भी ऊपरी अदालत में अपील करने का विकल्प मौजूद है। हालांकि, इस मामले ने दिल्ली की राजनीति में एक बार फिर हलचल मचा दी है।