बेंगलुरु। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर बढ़ती हिंसा, अन्याय और उत्पीड़न पर गहरी चिंता व्यक्त की है। संघ ने इसे मानवाधिकारों का गंभीर हनन करार देते हुए भारत सरकार से मांग की है कि वह बांग्लादेश सरकार से निरंतर संवाद बनाए रखे और हिंदू समाज की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर बढ़ता अत्याचार
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने शनिवार को प्रतिनिधि सभा द्वारा पारित प्रस्तावों की जानकारी देते हुए बताया कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले, मंदिरों और दुर्गा पूजा पंडालों पर हमले, मूर्तियों का अपमान, संपत्तियों की लूट, महिलाओं के अपहरण और जबरन मतांतरण की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं को केवल राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में देखना सत्य से मुंह मोड़ने जैसा होगा, क्योंकि अधिकतर पीड़ित हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों से ही हैं।
हिंदू जनसंख्या में भारी गिरावट
संघ ने चिंता जताई कि बांग्लादेश में हिंदुओं की जनसंख्या तेजी से घट रही है। 1951 में जहां हिंदू आबादी 22 प्रतिशत थी, वहीं अब यह 7.95 प्रतिशत रह गई है। इससे स्पष्ट होता है कि वहां हिंदुओं के लिए अस्तित्व का संकट बढ़ता जा रहा है। संघ ने विशेष रूप से बीते वर्ष हुई हिंसा और उसे मिले सरकारी समर्थन पर गहरी चिंता व्यक्त की है।

भारत विरोधी ताकतों पर नजर रखने की अपील
संघ ने भारत विरोधी माहौल, पाकिस्तान और ‘डीप स्टेट’ की सक्रियता पर भी ध्यान देने की आवश्यकता बताई। प्रस्ताव में कहा गया कि कुछ अंतर्राष्ट्रीय शक्तियां भारत के पड़ोस में अस्थिरता फैलाने का प्रयास कर रही हैं, जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ सकता है। संघ ने अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञों से अपील की कि वे इस विषय को उजागर करें और सतर्क रहें।
बांग्लादेश के हिंदू समाज की हिम्मत को सराहा
संघ ने बांग्लादेश के हिंदू समाज की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से अत्याचारों का विरोध किया है। इसके अलावा, भारत और विश्वभर के हिंदू संगठनों ने भी इस मुद्दे को उठाया है और बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा की मांग की है।
भारत सरकार से ठोस कार्रवाई की मांग
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भारत सरकार से आग्रह किया है कि वह बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वहां की सरकार से लगातार संवाद बनाए रखे और ठोस कदम उठाए। इसके अलावा, संघ ने वैश्विक समुदाय और संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठनों से भी अपील की कि वे इस मुद्दे को गंभीरता से लें और बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाएं ताकि हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा को रोका जा सके।
संघ ने हिंदू समुदाय, अन्य देशों के नेताओं और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से आह्वान किया कि वे बांग्लादेशी हिंदुओं के समर्थन में एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद करें।
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