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February 8, 2025 9:47 AM

आसाराम को उच्च न्यायालय से भी मिली 31 मार्च तक अंतरिम जमानत

Asaram Gets Interim Bail Till March 31 from Rajasthan High Court for Medical Treatment"

जोधपुर: अपने आश्रम की एक नाबालिग छात्रा से यौनाचार के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को जोधपुर की सेंट्रल जेल से उच्च न्यायालय से 31 मार्च 2025 तक अंतरिम जमानत मिल गई है। यह अंतरिम जमानत राजस्थान उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने चिकित्सा आधार पर दी है। इससे पहले आसाराम को सर्वोच्च न्यायालय से भी जमानत मिल चुकी थी।

मंगलवार को उच्च न्यायालय में आसाराम की ओर से सजा स्थगन और जमानत के लिए याचिका पेश की गई थी। सुनवाई के दौरान, उच्च न्यायालय ने आसाराम को 75 दिन की अंतरिम जमानत दी, ताकि वह अपना इलाज करवा सकें। इस जमानत के तहत आसाराम को 31 मार्च 2025 तक जेल से बाहर रहने की अनुमति दी गई है।

जमानत की शर्तें:

  1. जमानत की अवधि: आसाराम को 31 मार्च 2025 तक अंतरिम जमानत दी गई है।
  2. मेडिकल उपचार: वह जेल से बाहर रहकर अपना इलाज करवा सकेंगे, लेकिन उन्हें पूरी प्रक्रिया के दौरान तीन पुलिसकर्मियों की निगरानी में रहना होगा।
  3. अनुयायी से मुलाकात पर प्रतिबंध: आसाराम को अपने किसी भी अनुयायी से मिलने की अनुमति नहीं होगी।
  4. मीडिया पर प्रतिबंध: वह मीडिया से किसी भी प्रकार की बातचीत नहीं कर सकेंगे, और न ही कोई बयान जारी कर सकेंगे।
  5. सार्वजनिक आयोजन पर प्रतिबंध: वह सार्वजनिक रूप से प्रवचन नहीं कर सकेंगे।
  6. आश्रम या अस्पताल में इलाज: आसाराम को किसी भी आश्रम में रहने या इलाज कराने की अनुमति होगी, लेकिन यह स्पष्ट किया गया है कि वह किसी भी आश्रम में प्रवचन या धार्मिक कार्य नहीं कर सकते।
  7. खर्चा: आसाराम के इलाज का खर्चा उन्हीं को उठाना होगा।

पुलिस की निगरानी में इलाज:
आसाराम का इलाज तीन पुलिसकर्मियों की निगरानी में होगा, जो उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे और उनकी गतिविधियों पर नजर रखेंगे। यह व्यवस्था उनके जेल से बाहर रहने के दौरान लागू रहेगी।

न्यायालय का निर्णय:
उच्च न्यायालय की खंडपीठ, जिसमें जस्टिस दिनेश मेहता और जस्टिस विनीत कुमार माथुर शामिल थे, ने यह निर्णय सुनाया। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जमानत के दौरान आसाराम को कोई अनुयायी या मीडिया से संपर्क करने की अनुमति नहीं होगी, ताकि किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता या कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न न हो।

न्यायिक प्रक्रिया की स्थिति:
आसाराम पर यह आरोप है कि उन्होंने अपने आश्रम की एक नाबालिग छात्रा से यौन उत्पीड़न किया था, जिसके बाद उन्हें जोधपुर की सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा दी गई थी। उनके खिलाफ यह मामला एक लंबी कानूनी लड़ाई का हिस्सा रहा है। इस अंतरिम जमानत के बाद, उनके इलाज को लेकर अदालत ने स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए हैं और जमानत की शर्तों का पालन करने की सख्त चेतावनी दी है।

यह जमानत आसाराम के लिए राहत का संकेत है, लेकिन इसके साथ ही उन्हें कई महत्वपूर्ण प्रतिबंधों का भी सामना करना होगा, जिनमें मुख्य रूप से अनुयायियों से संपर्क और सार्वजनिक तौर पर धर्म प्रचार करने पर रोक शामिल है।

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