जोधपुर। नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के दोषी आसाराम को राजस्थान उच्च न्यायालय से अंतरिम जमानत अवधि बढ़ाने पर फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है। इस संबंध में बुधवार को सुनवाई हुई, जिसमें करीब आधे घंटे तक बहस चली। सरकारी अधिवक्ता ने आसाराम की जमानत बढ़ाने का विरोध किया और आरोप लगाया कि उसने सर्वोच्च न्यायालय की प्रवचन नहीं करने की शर्त का उल्लंघन किया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 7 अप्रैल को होगी।
सरकार का विरोध और कोर्ट की पूछताछ
बुधवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आसाराम को पूर्व में दी गई अंतरिम जमानत के दौरान हुए ट्रीटमेंट की पूरी जानकारी ली और यह भी पूछा कि भविष्य में उसे और मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत होगी या नहीं।
- सरकारी वकील का तर्क: आसाराम ने जमानत शर्तों का उल्लंघन किया है, इसलिए उसे और राहत नहीं मिलनी चाहिए।
- आसाराम के वकील का तर्क: उन्होंने कहा कि किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं हुआ है और उनका मुवक्किल बीमार है, इसलिए जमानत अवधि बढ़ाई जाए।
आसाराम को जवाबी शपथ पत्र देने के निर्देश
कोर्ट ने आसाराम की ओर से पेश किए गए दावों की पुष्टि के लिए जवाबी शपथ पत्र दायर करने के निर्देश दिए हैं। अब इस मामले में 7 अप्रैल को सुनवाई होगी और तब तक आसाराम को जेल-अस्पताल में ही रहना होगा।
गुजरात हाईकोर्ट से मिली थी तीन महीने की जमानत
आसाराम को गुजरात उच्च न्यायालय ने तीन महीने की अंतरिम जमानत दी थी। इसी आधार पर राजस्थान उच्च न्यायालय में भी जमानत अवधि बढ़ाने की मांग की गई थी।
- आसाराम के वकील निशांत बोड़ा ने मंगलवार को अदालत खुलने पर अर्जेंट सुनवाई का आग्रह किया था।
- अदालत ने इस मामले में 2 अप्रैल को सुनवाई निर्धारित की थी, जिसमें जमानत अवधि बढ़ाने पर सहमति नहीं बनी।
क्या रहेगा आगे का फैसला?
7 अप्रैल की सुनवाई में अदालत यह तय करेगी कि:
- आसाराम की जमानत अवधि बढ़ेगी या नहीं?
- क्या उसने सर्वोच्च न्यायालय की शर्तों का उल्लंघन किया?
- क्या उसे आगे भी इलाज की जरूरत है?
फिलहाल, जब तक फैसला नहीं आता, आसाराम जेल और अस्पताल में ही रहेगा।
स्वदेश ज्योति के द्वारा।
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