अमेरिका द्वारा भारत को अवैध अप्रवासियों को निर्वासित करने की प्रक्रिया के दौरान उनके साथ दुर्व्यवहार के आरोपों पर भारत के विदेश मंत्रालय ने कड़ा रुख अपनाया है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शुक्रवार को कहा कि यह मामला भारत सरकार के संज्ञान में आया है और इस पर अमेरिकी अधिकारियों से औपचारिक बातचीत की जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि निर्वासित भारतीय नागरिकों के साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और अगर ऐसा कोई मामला सामने आता है तो भारत इस पर कड़ी आपत्ति जताएगा।
अमेरिका द्वारा भारतीय अप्रवासियों का निर्वासन
अमेरिकी प्रशासन ने 487 अवैध अप्रवासी भारतीयों की पहचान की है, जिन्हें भारत भेजने की योजना बनाई गई है। इनमें से अब तक 298 लोगों की जानकारी भारत सरकार को प्रदान की जा चुकी है। इससे पहले, 4 फरवरी को अमेरिका ने 104 भारतीयों को भारत वापस भेजा था।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि भारत सरकार इस पूरी प्रक्रिया पर करीबी नजर रख रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि निर्वासन की प्रक्रिया कोई नई बात नहीं है और विभिन्न देशों में जब भी अवैध प्रवासियों को वापस उनके मूल देश भेजा जाता है, तो पहले यह सुनिश्चित किया जाता है कि वे वास्तव में उस देश के नागरिक हैं।
अवैध अप्रवास को लेकर भारत की चिंता
विक्रम मिस्री ने यह भी कहा कि कई निर्दोष लोगों को गुमराह करके और अवैध तरीके से अमेरिका भेजा जाता है, जो कि एक गंभीर समस्या बन चुकी है। उन्होंने इसे “कैंसर जैसी बीमारी” करार दिया और कहा कि इस तरह के अवैध नेटवर्क को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। भारत सरकार ऐसे गिरोहों पर नकेल कसने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि भारतीय नागरिक सुरक्षित और कानूनी तरीके से विदेशों में जा सकें।
भारत ने अमेरिकी अधिकारियों के सामने उठाया मुद्दा
विदेश सचिव ने बताया कि जब 4 फरवरी को 104 भारतीयों को वापस भेजा गया, तब उनके साथ किए गए व्यवहार पर भी भारत ने अमेरिकी अधिकारियों से चर्चा की। भारत सरकार ने यह सुनिश्चित करने की मांग की है कि भविष्य में निर्वासित भारतीयों के साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार न हो।
आव्रजन नीति और सुरक्षा के मुद्दे
अमेरिकी अधिकारियों ने भारत को अपनी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन नीति के बारे में जानकारी दी है। इस पर भारत ने भी अपनी मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) स्पष्ट की है। विदेश सचिव ने कहा कि किसी भी देश को अपने निर्वासित नागरिकों को स्वीकार करने से पहले यह सुनिश्चित करना होता है कि वे वास्तव में उसके नागरिक हैं, क्योंकि इससे सुरक्षा और वैधता के कई मुद्दे जुड़े होते हैं।
कोई विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ
भारत में निर्वासित किए गए भारतीयों के समर्थन में किसी भी बड़े विरोध प्रदर्शन की खबरों को लेकर विदेश सचिव ने कहा कि सरकार के पास ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है। हालांकि, भारत सरकार इस पूरे मामले पर कड़ी नजर बनाए हुए है और सुनिश्चित करेगी कि भविष्य में किसी भी भारतीय नागरिक को अन्याय का सामना न करना पड़े।
भारत सरकार अवैध आव्रजन के मुद्दे को गंभीरता से ले रही है और अमेरिका के साथ इस मामले पर निरंतर संवाद कर रही है। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि निर्वासित भारतीय नागरिकों के साथ उचित व्यवहार हो और उनके अधिकारों की रक्षा की जाए। साथ ही, अवैध प्रवासन को रोकने और इसे बढ़ावा देने वाले तत्वों पर सख्त कार्रवाई करने के लिए भी ठोस कदम उठाए जाएंगे।