भोपाल। बच्चों के माध्यम से संस्कृत भाषा और भारतीय संस्कृति को जीवंत रखने वाली अनूठी पहल “नीव बैंड” ने अपने चार वर्षों की यात्रा पूरी कर ली है। इस अवसर पर आकर्षणम् जनकल्याण समिति एक विशेष आयोजन कर रही है, जिसमें नन्हे संस्कृत साधकों के साथ मिलकर एक विश्व रिकॉर्ड स्थापित करने की तैयारी है।
यह आयोजन 11 अप्रैल को सुबह 9 बजे से शुरू होकर 12 अप्रैल को दोपहर 12 बजे तक, यानी 24 घंटे से अधिक समय तक निरंतर हनुमान चालीसा का पाठ करने के रूप में आयोजित किया जाएगा। खास बात यह है कि इस पूरे पाठ का संचालन 3 से 16 वर्ष के बच्चों द्वारा किया जाएगा, जो समयानुसार समूहों में विभाजित रहेंगे।
संस्कृत के सुरों में बसा “नीव बैंड”
“नीव बैंड” केवल एक संगीत समूह नहीं, बल्कि यह एक संस्कार केंद्र है जहाँ बच्चे संस्कृत में श्लोक, मंत्र और भक्ति गीत गाते हैं। यह बैंड आकषर्णम जनकल्याण समिति की पहल पर 4 साल पहले प्रारंभ हुआ था और अब यह देशभर में अपनी विशिष्ट पहचान बना चुका है।
बच्चों की आवाज़ में जब ‘गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः’ जैसे श्लोक गूंजते हैं, तो श्रोता भी संस्कारों में भीग जाते हैं। नींव बैंड की यही विशेषता रही है कि इतने छोटे बच्चों द्वारा संस्कृत का सधा हुआ उच्चारण और भक्तिमय प्रस्तुति श्रोताओं के हृदय को छू जाती है।
विश्व रिकॉर्ड की ओर कदम
इस आयोजन का उद्देश्य केवल एक रिकॉर्ड बनाना नहीं, बल्कि संस्कृत भाषा के पुनरुत्थान और बालसंस्कारों का प्रचार-प्रसार है। आयोजन में भोपाल के विभिन्न क्षेत्रों से भी बच्चों को जोड़ा जा रहा है, जो अलग-अलग सत्रों में भाग लेंगे।
आयोजन के मुख्य समन्वयक ने बताया कि यह संपूर्ण आयोजन हनुमान जयंती को समर्पित है और इसे विश्व रिकॉर्ड बुक में दर्ज कराने की प्रक्रिया भी आरंभ कर दी गई है। आयोजन में सुरक्षा, भोजन और स्वास्थ्य सेवाओं की भी उचित व्यवस्था की गई है ताकि बच्चे पूर्ण रूप से सहज और सुरक्षित रहें।
शहर के लिए गर्व का क्षण
भोपाल शहर पहली बार ऐसे आयोजन का गवाह बनने जा रहा है जहाँ बालवय में संस्कृत की साधना करते हुए बच्चे न केवल चालीसा का पाठ करेंगे, बल्कि ध्यान, अनुशासन और भक्ति की मिसाल भी पेश करेंगे। यह आयोजन न सिर्फ भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर संस्कृति प्रेमियों का ध्यान आकर्षित करेगा।

स्वदेश ज्योति के द्वारा
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