15 मार्च का दिन खेल जगत के लिए दो ऐतिहासिक उपलब्धियों से जुड़ा हुआ है। इस दिन क्रिकेट और हॉकी में ऐसे महत्वपूर्ण घटनाक्रम हुए, जिन्होंने खेल प्रेमियों के लिए इसे यादगार बना दिया।
क्रिकेट का पहला टेस्ट मैच (15 मार्च 1877)
क्रिकेट इतिहास में 15 मार्च 1877 को पहला आधिकारिक टेस्ट मैच खेला गया था। यह ऐतिहासिक मुकाबला इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) में हुआ था। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने 45 रन से जीत दर्ज की थी।
मैच का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है:
- ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी: 245 रन
- इंग्लैंड की पहली पारी: 196 रन
- ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी: 104 रन
- इंग्लैंड की दूसरी पारी: 108 रन
- परिणाम: ऑस्ट्रेलिया 45 रन से विजयी
मुख्य रिकॉर्ड और दिलचस्प तथ्य:
- पहला टेस्ट रन और पहला टेस्ट शतक: ऑस्ट्रेलिया के चार्ल्स बैनरमेन ने बनाया, जिन्होंने 165* रन बनाए।
- पहली गेंद: इंग्लैंड के गेंदबाज़ ऐल्बर्ट शॉ ने डाली।
- पहला विकेट और पहला कैच: इंग्लैंड के हिल ने लिया।
- चार्ल्स बैनरमेन का अनोखा रिकॉर्ड: उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के कुल 245 रनों में से 165 रन बनाए, जो टीम के कुल स्कोर का 69.6% था। यह आज भी टेस्ट क्रिकेट का एक रिकॉर्ड है।
- सबसे अधिक उम्र में टेस्ट पदार्पण: इंग्लैंड के जेम्स साउथर्टन ने 49 साल 119 दिन की उम्र में अपना पहला टेस्ट खेला। उन्होंने पहली पारी में 37 ओवर में 61 रन देकर 3 विकेट लिए, हालांकि दूसरी पारी में गेंदबाज़ी नहीं की। साउथर्टन ने कुल दो टेस्ट मैच खेले और 7 विकेट लिए। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उनके नाम 1682 विकेट दर्ज हैं। मात्र 52 साल की उम्र में उनका निधन हो गया।
आज इस ऐतिहासिक टेस्ट मैच को 148 वर्ष पूरे हो गए हैं। यह मुकाबला क्रिकेट इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा।

भारत का पहला हॉकी वर्ल्ड कप खिताब (15 मार्च 1975)
15 मार्च 1975 का दिन भारतीय हॉकी के लिए स्वर्णिम दिन साबित हुआ, जब भारत ने पहली बार हॉकी वर्ल्ड कप जीता। यह ऐतिहासिक मैच कुआलालंपुर, मलेशिया में खेला गया था, जहाँ भारतीय टीम ने पाकिस्तान को 2-1 से हराकर पहली बार विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया।
मैच का संक्षिप्त विवरण:
- पहला हाफ: पाकिस्तान ने 17वें मिनट में ज़हीद की बदौलत गोल कर 1-0 की बढ़त बना ली।
- दूसरा हाफ: 44वें मिनट में भारत के सुरजीत सिंह ने गोल कर स्कोर 1-1 कर दिया।
- निर्णायक गोल: 51वें मिनट में भारत के महान फॉरवर्ड अशोक कुमार ने गोल कर भारत को 2-1 से बढ़त दिला दी, जो अंत तक कायम रही।
भारत की ऐतिहासिक जीत के नायक:
- अशोक कुमार: उन्होंने विजयी गोल दागकर भारत को विश्व कप जिताया।
- सुरजीत सिंह: उन्होंने बराबरी का गोल किया और टीम को वापसी दिलाई।
- भारतीय टीम: पूरी टीम ने शानदार खेल का प्रदर्शन कर पाकिस्तान जैसी मजबूत टीम को हराया।
आज इस ऐतिहासिक जीत को 50 साल पूरे हो गए हैं। यह जीत भारत के हॉकी स्वर्ण युग की याद दिलाती है और हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है।
15 मार्च का यह दिन खेल इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो चुका है। यह दिन न केवल क्रिकेट और हॉकी के महान लम्हों की याद दिलाता है, बल्कि खेल प्रेमियों को प्रेरणा भी देता है।
और भी दिलचस्प खबरें आपके लिए… सिर्फ़ स्वदेश ज्योति पर!