राजस्थान में बारिश का कहर: सवाई माधोपुर में बांध ओवरफ्लो, 55 फीट धंसी जमीन

जड़ावता गांव में 2 किमी लंबी और 100 फीट चौड़ी खाई, सेना और राहत बल तैनात

नई दिल्ली।
राजस्थान के कई जिलों में लगातार हो रही भारी बारिश ने हालात बुरी तरह बिगाड़ दिए हैं। सवाई माधोपुर जिले में रविवार को सुरवाल बांध के ओवरफ्लो होने से बड़ी तबाही मच गई। बांध के पास की जमीन अचानक धंसने से करीब 2 किलोमीटर लंबी, 100 फीट चौड़ी और 55 फीट गहरी खाई बन गई। इस घटना ने न केवल ग्रामीणों को दहशत में डाल दिया, बल्कि प्रशासन के सामने भी बड़ी चुनौती खड़ी कर दी।

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जड़ावता गांव सबसे ज्यादा प्रभावित

बारिश और बांध के ओवरफ्लो का सबसे गंभीर असर जड़ावता गांव पर पड़ा है। गांव के आसपास की कृषि योग्य जमीन पूरी तरह पानी में डूब गई। खेतों से गुजरते हुए पानी सीधा खाई में बहने लगा, जिससे आसपास के मकान और धार्मिक स्थल भी नहीं बच सके। रिपोर्ट के मुताबिक, दो घर, दो दुकानें और दो मंदिर पूरी तरह ढह गए। गांव के लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने को मजबूर हो गए हैं।

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आफत बनकर बरस रहे बादल

विशेषज्ञों का कहना है कि यदि बारिश का यही सिलसिला जारी रहा, तो आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं। जिस इलाके में जमीन धंसी है, वहां बड़ी संख्या में उपजाऊ कृषि भूमि मौजूद है। यदि पानी का दबाव इसी तरह बना रहा, तो नुकसान और बढ़ने की आशंका है।

सेना और राहत बल की तैनाती

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने तुरंत राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया है। सेना और आपदा राहत बल को मौके पर तैनात किया गया है। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर आस-पास के कई घरों को खाली करा लिया है। ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है। जिला प्रशासन का कहना है कि हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है और किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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लोगों में दहशत, जीवन अस्त-व्यस्त

गांव में अचानक बनी इस खाई ने लोगों के दिलों में दहशत पैदा कर दी है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं देखी। खेतों में लगी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं, जिससे किसानों को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। वहीं, रोजमर्रा की जिंदगी अस्त-व्यस्त हो गई है।

राज्य में बारिश का बढ़ता असर

केवल सवाई माधोपुर ही नहीं, बल्कि राजस्थान के कई अन्य जिलों में भी भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित है। जलभराव और निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। सड़कों पर पानी भरने से यातायात बाधित हो गया है और कई गांवों का संपर्क मुख्य सड़कों से कट गया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि मानसून के इस दौर में राज्य के बांधों और जलाशयों पर अतिरिक्त दबाव बढ़ गया है। अगर समय रहते पानी की निकासी और सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए, तो बड़े हादसों की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।