मोदी के चीन दौरे से पहले चीनी दूतावास ने साझा की भगवान गणेश की तस्वीर, बताया सांस्कृतिक रिश्ता

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को जापान यात्रा पूरी करने के बाद चीन रवाना होंगे। लेकिन उनके इस दौरे से ठीक पहले भारत स्थित चीनी दूतावास ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिसने दोनों देशों के सांस्कृतिक रिश्तों की चर्चा को हवा दे दी है। दूतावास ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से भगवान गणेश की एक प्राचीन छवि साझा की है।


चीन की गुफाओं में भगवान गणेश की उपस्थिति का जिक्र

चीनी दूतावास की प्रवक्ता यू जिंग ने ट्वीट करते हुए लिखा –
"चीन के तांग राजवंश और मोगाओ गुफाओं में भगवान गणेश की छवि पाई जा सकती है! यह इस बात का सबूत है कि कैसे सदियों पहले चीन और भारत कला, आस्था और संस्कृति को साझा करते थे।"

इस पोस्ट के साथ उन्होंने भगवान गणेश की तस्वीर भी साझा की। यह तस्वीर चीन के गांसु प्रांत की प्रसिद्ध मोगाओ गुफाओं से संबंधित बताई जा रही है, जो प्राचीन काल से कला और संस्कृति का अद्भुत केंद्र रही हैं।


ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

इतिहासकारों का मानना है कि भारत और चीन के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक संपर्क हजारों साल पुराने हैं। बौद्ध धर्म भारत से चीन पहुंचा और इसके साथ-साथ भारतीय कला, मूर्तिकला और धार्मिक प्रतीकों का भी वहां प्रभाव पड़ा।

  • तांग राजवंश (618-907 ईस्वी) के दौरान भारत-चीन के बीच व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान काफी गहरा था।
  • चीन की कई गुफाओं और मंदिरों में भारतीय देवी-देवताओं की आकृतियां आज भी दिखाई देती हैं।
  • भगवान गणेश, जिन्हें विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता माना जाता है, उनकी छवियां चीन में भी उस दौर में बनाई गई थीं।

मोदी का चीन दौरा और इसकी अहमियत

प्रधानमंत्री मोदी का यह चीन दौरा सामरिक और कूटनीतिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच सीमा विवाद और व्यापारिक मतभेदों ने रिश्तों को तनावपूर्ण बना दिया है। ऐसे में चीन की ओर से भगवान गणेश की तस्वीर साझा करना एक तरह का सकारात्मक सांस्कृतिक संदेश माना जा रहा है।

विशेषज्ञों का मानना है कि जब भी देशों के बीच राजनीतिक या आर्थिक मतभेद बढ़ते हैं, तब सांस्कृतिक कूटनीति (Cultural Diplomacy) रिश्तों को सहज बनाने में बड़ी भूमिका निभाती है। चीन का यह कदम भी उसी दिशा में देखा जा रहा है।


भारत की प्रतिक्रिया

हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से इस ट्वीट पर अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सोशल मीडिया पर यह पोस्ट तेजी से चर्चा का विषय बना हुआ है। भारतीय यूजर्स इसे भारत-चीन संबंधों की सांस्कृतिक जड़ों की याद दिलाने वाला कदम मान रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि इस तरह की पहलें दोनों देशों को करीब लाने में मददगार हो सकती हैं।


सांस्कृतिक रिश्तों का महत्व

भारत और चीन एशिया की दो प्राचीनतम सभ्यताएं हैं। दोनों देशों ने न केवल व्यापार, बल्कि कला, साहित्य और धर्म के क्षेत्र में भी एक-दूसरे को प्रभावित किया है।

  • चीन में आज भी बौद्ध धर्म का गहरा असर है, जिसकी जड़ें भारत से जुड़ी हैं।
  • इसी तरह भारत के कई प्राचीन ग्रंथों में चीन का उल्लेख मिलता है।
  • दोनों देशों की कला और वास्तुकला में भी समानताएं दिखाई देती हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि सांस्कृतिक रिश्तों की यह गहराई दोनों देशों के बीच आज भी संवाद और सहयोग की संभावनाओं को जीवित रखती है।