मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद बैठक में लाड़ली बहना योजना की राशि 1500 रुपए की गई, अद्वैत लोक निर्माण और सोलर रूफटॉप परियोजनाओं को भी मिली स्वीकृति।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में सोमवार को मंत्रालय में आयोजित मंत्रि-परिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक की शुरुआत ‘वंदे मातरम्’ के सामूहिक गायन से हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की राशि में वृद्धि से लेकर ओंकारेश्वर में आचार्य शंकर संग्रहालय ‘अद्वैत लोक’ के निर्माण तक कई प्रमुख प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
लाड़ली बहना योजना की राशि बढ़कर 1500 रुपए
मंत्रि-परिषद ने मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के तहत दी जाने वाली मासिक आर्थिक सहायता राशि को 1250 रुपए से बढ़ाकर 1500 रुपए करने का निर्णय लिया। नई दरें नवंबर 2025 से लागू होंगी।
मार्च 2023 में इस योजना की शुरुआत 1000 रुपए मासिक सहायता राशि के साथ की गई थी। सितंबर 2023 से इसे 1250 रुपए किया गया था। अब महिलाओं को अतिरिक्त 250 रुपए प्रतिमाह का लाभ मिलेगा। इस वृद्धि से वित्तीय वर्ष 2025-26 में 1,793 करोड़ 75 लाख रुपए के अतिरिक्त बजट की आवश्यकता होगी। कुल संभावित व्यय 20,450 करोड़ 99 लाख रुपए निर्धारित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय महिलाओं को आर्थिक रूप से अधिक सशक्त बनाएगा और परिवार की आय में स्थायी सुधार लाएगा।
ओंकारेश्वर में ‘अद्वैत लोक’ निर्माण को पुनरीक्षित स्वीकृति
बैठक में ओंकारेश्वर में आचार्य शंकर संग्रहालय ‘अद्वैत लोक’ के निर्माण के लिए पुनरीक्षित स्वीकृति प्रदान की गई। इस परियोजना की लागत अब बढ़ाकर 2424 करोड़ 369 लाख रुपए कर दी गई है।
यह परियोजना एकात्म धाम योजना के अंतर्गत चलाई जा रही है, जिसमें 108 फीट ऊंची आचार्य शंकर की बहुधातु प्रतिमा, शंकर संग्रहालय, अद्वैत निलयम, अंतर्राष्ट्रीय वेदांत संस्थान और अन्य निर्माण कार्य शामिल हैं। इन सभी कार्यों को एमपी टूरिज्म कॉर्पोरेशन (MPTC) द्वारा पूरा किया जाएगा।
पहले इस परियोजना के लिए जून 2025 में 2195 करोड़ 54 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई थी, जिसे अब लागत वृद्धि को ध्यान में रखते हुए संशोधित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक स्तर पर स्थापित करेगी।
शासकीय भवनों पर सोलर रूफटॉप संयंत्र लगाने की मंजूरी
राज्य मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री ‘सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ के तहत रेस्को पद्धति (RESCO Model) से सभी शासकीय भवनों पर सोलर रूफटॉप संयंत्र स्थापित करने की स्वीकृति दी।
इस मॉडल के तहत किसी भी शासकीय विभाग को निवेश नहीं करना होगा। विकासक इकाई 25 वर्ष की अवधि के लिए सोलर संयंत्र लगाएगी और रख-रखाव की पूरी जिम्मेदारी भी उसी की होगी। सरकारी कार्यालय ऊर्जा उपयोग के आधार पर प्रति यूनिट भुगतान करेंगे, जो डिस्कॉम की दरों से कम होगा, जिससे राज्य संस्थानों को बिजली खर्च में बचत होगी।
यह पहल राज्य सरकार के हरित ऊर्जा लक्ष्यों और कार्बन उत्सर्जन घटाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
मांधाता में न्यायिक पदों की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद ने खंडवा जिले की मांधाता तहसील में न्यायिक ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए व्यवहार न्यायाधीश (कनिष्ठ खंड) के एक नए पद की स्वीकृति दी। इसके साथ तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के 6 नए पदों का सृजन किया गया है।
इन पदों के सृजन पर 52 लाख 76 हजार रुपए वार्षिक व्यय का अनुमान लगाया गया है। यह कदम स्थानीय स्तर पर न्यायिक कार्यवाही को गति देने और लंबित मामलों के निपटान में मदद करेगा।
मंत्रि-परिषद बैठक के मुख्य बिंदु संक्षेप में
लाड़ली बहना योजना (Ladli Bahana Yojana) की मासिक राशि 1250 से बढ़ाकर 1500 रुपए की गई।
अद्वैत लोक (आचार्य शंकर संग्रहालय) निर्माण के लिए 2424 करोड़ रुपए की पुनरीक्षित स्वीकृति।
शासकीय भवनों पर रेस्को पद्धति से सोलर रूफटॉप संयंत्र लगाने की मंजूरी।
मांधाता तहसील में 7 नए न्यायिक पदों की स्वीकृति।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने कहा कि “राज्य सरकार विकास, महिला सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठा रही है। इन निर्णयों से प्रदेश के सामाजिक और आर्थिक ढांचे को नई मजबूती मिलेगी।”
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