गुवाहाटी: असम के उमरंगसू इलाके के कलामाटी में स्थित एक कोयला खदान में फंसे हुए मजदूरों के बचाव के लिए एक बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। अब तक 10 मजदूरों को खदान से सुरक्षित निकाल लिया गया है, जबकि 11 मजदूर अभी भी खदान में फंसे हुए हैं। इन मजदूरों को निकालने के लिए एनडीआरएफ, भारतीय सेना और असम राइफल्स के जवान कड़ी मेहनत कर रहे हैं। प्रशासन की ओर से फंसे हुए मजदूरों की शिनाख्त की जा चुकी है।
यह घटना असम राज्य के डिमा हसाओ जिले के उमरंगसू इलाके से 25 किमी दूर असम-मेघालय की सीमा पर स्थित एक कोयला खदान में सोमवार सुबह घटी। खदान में पानी भर जाने के कारण कई मजदूर फंस गए थे, जिसके बाद एनडीआरएफ, भारतीय सेना के इंजीनियर टास्क फोर्स और असम राइफल्स के जवान तुरंत बचाव कार्य में जुट गए। पानी का स्तर बढ़ने के कारण बचाव कार्य में काफी दिक्कतें आ रही थीं, लेकिन फिर भी बचाव दल ने 10 मजदूरों को सुरक्षित निकालने में सफलता प्राप्त की है।
खदान में फंसे मजदूरों की शिनाख्त की प्रक्रिया जारी है, और फिलहाल 11 में से 9 मजदूरों की पहचान की जा चुकी है। जिन मजदूरों की पहचान की गई है, उनमें गंगा बहादुर छेत्री (38), हुसैन अली (30), जाकिर हुसैन (38), सरपा बर्मन (46), मुस्तफा शेख (44), खुशीमोहन राय (57), संजीत सरकार (37), लिज़ोन मगर (26) और सरत ग्यारी (37) शामिल हैं।
प्रशासन ने इस बचाव अभियान में मदद के लिए विशाखापत्तनम से नौसेना के गहरे गोताखोरों को भी बुलवाया है। भारतीय सेना ने बाढ़ग्रस्त खदान के अंदर खतरनाक परिस्थितियों का सामना करने के लिए 32 असम राइफल्स पाथफाइंडर यूनिट और पैरा गोताखोरों सहित विशेष टीमों को तैनात किया है। खदान में जल स्तर असामान्य रूप से बढ़ने से बचाव कार्य में लगातार चुनौतियाँ पेश आ रही हैं। इसके बावजूद, कुछ हैलमेट पानी में तैरते हुए देखे गए हैं, जो कि खदान में फंसे मजदूरों के अस्तित्व को दर्शाते हैं।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के निर्देश पर जिला आयुक्त सीमांत कुमार दास, पुलिस अधीक्षक मयंक कुमार झा और मंत्री कौशिक राय घटनास्थल पर उपस्थित हैं और बचाव अभियान की निगरानी कर रहे हैं। यह अभियान पूरी ताकत से जारी है, ताकि बाकी के फंसे हुए मजदूरों को भी जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।
स्थानीय प्रशासन और बचाव दल की कड़ी मेहनत के बीच, उमरंगसू के इस कोयला खदान हादसे के सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने की उम्मीद है।