भारत-भूटान संबंधों में नई ऊर्जा, पुनात्सांगछू-2 परियोजना का उद्घाटन और पुनात्सांगछू-1 पर फिर शुरू होगा काम

थिम्फू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपना दो दिवसीय भूटान दौरा पूरा कर दिल्ली के लिए प्रस्थान किया। भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और प्रधानमंत्री शेरिंग तोग्बे ने थिम्फू एयरपोर्ट पर पीएम मोदी को विदाई दी। इस यात्रा ने भारत-भूटान संबंधों में नई ऊर्जा और गहराई जोड़ने का काम किया। दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भूटान के चौथे राजा द्रुक ग्यालपो जिग्मे सिंग्ये वांगचुक और वर्तमान राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। इन बैठकों में दोनों देशों ने ऊर्जा, व्यापार, प्रौद्योगिकी, कनेक्टिविटी और सतत विकास के क्षेत्रों में साझेदारी मजबूत करने पर सहमति जताई।

पुनात्सांगछू-2 जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन

दौरे का सबसे अहम क्षण रहा 1020 मेगावाट की पुनात्सांगछू-2 जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन, जिसे प्रधानमंत्री मोदी और भूटान के नरेश ने संयुक्त रूप से शुरू किया। यह परियोजना भारत और भूटान के बीच दशकों पुराने ऊर्जा सहयोग और मित्रता का प्रतीक मानी जा रही है। भूटान सरकार ने घोषणा की कि इस परियोजना से भारत को बिजली के निर्यात की शुरुआत हो गई है, जिससे दोनों देशों के आर्थिक संबंध और भी मजबूत होंगे। भारत ने भूटान की 13वीं पंचवर्षीय योजना में आर्थिक सहयोग जारी रखने और उसके विकास लक्ष्यों को पूरा करने में हरसंभव सहायता का भरोसा दिया है।

पुनात्सांगछू-1 परियोजना पर फिर शुरू होगा निर्माण कार्य

वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने 1200 मेगावाट की पुनात्सांगछू-1 परियोजना के मुख्य बांध ढांचे पर काम फिर से शुरू करने पर सहमति जताई। यह परियोजना भारत और भूटान के बीच संयुक्त रूप से विकसित की जा रही सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना होगी। इसके पूर्ण होने पर यह दोनों देशों की ऊर्जा साझेदारी को नई दिशा देगी।

'कालचक्र अभिषेक' कार्यक्रम का उद्घाटन

प्रधानमंत्री मोदी ने थिम्फू में आयोजित ‘कालचक्र अभिषेक’ कार्यक्रम का उद्घाटन भी किया। यह समारोह भारत-भूटान की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकता का प्रतीक माना गया। कार्यक्रम में दोनों देशों के धर्मगुरुओं, बौद्ध भिक्षुओं और सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।

भूटान के राजा ने जताई भारत के प्रति संवेदना

भूटान के राजा ने अपने आधिकारिक बयान में दिल्ली विस्फोट में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना प्रकट की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। भारत सरकार ने इस संवेदनशीलता और एकजुटता के लिए भूटान के प्रति आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपने वक्तव्य में कहा कि “भारत और भूटान का संबंध केवल पड़ोसी देशों का नहीं, बल्कि आत्मीय मित्रता और साझा मूल्यों का है।”

भारत-भूटान साझेदारी को मिला नया आयाम

दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि भूटान के चौथे राजा से “अद्भुत बैठक” हुई। उन्होंने भूटान द्वारा ‘गेलेफू माइंडफुलनेस सिटी’ परियोजना को आगे बढ़ाने के प्रयासों की सराहना की, जो भारत की एक्ट ईस्ट नीति के अनुरूप है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत-भूटान संबंधों में ऊर्जा, व्यापार और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में तेजी से विस्तार हो रहा है, जो दोनों देशों के लिए दीर्घकालिक लाभ सुनिश्चित करेगा।

विदाई समारोह में गर्मजोशी

प्रधानमंत्री मोदी को थिम्फू एयरपोर्ट पर भूटान के राजा और प्रधानमंत्री ने स्वयं विदाई दी। भूटान की जनता ने पारंपरिक पोशाक में उनका स्वागत और विदाई करते हुए भारत के प्रति अपने स्नेह और सम्मान को प्रदर्शित किया। यह दौरा न केवल राजनयिक संबंधों को मजबूत करने वाला साबित हुआ, बल्कि हिमालयी क्षेत्र में सतत विकास, स्वच्छ ऊर्जा और सांस्कृतिक सहयोग के नए अध्याय की शुरुआत भी की।