ऑपरेशन ‘सागर बंधु’ के तहत भारत श्रीलंका को लगातार मानवीय सहायता भी पहुंचा रहा है
नई दिल्ली : चक्रवात दितवाह की तबाही के बीच श्रीलंका में फंसे 200 से अधिक भारतीय नागरिकों को भारतीय वायुसेना ने सुरक्षित निकालकर रविवार को तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पहुंचा दिया। खराब मौसम, बाधित सड़कों और द्वीप राष्ट्र में बिगड़ी परिस्थितियों के बावजूद एयरफोर्स ने तेज़ और सटीक कार्रवाई करते हुए बड़े स्तर पर रेस्क्यू मिशन को संचालित किया। वायुसेना के प्रवक्ता के अनुसार, कोलंबो से उड़ान भरने वाला एयरफोर्स का विशेष विमान शाम 7:30 बजे तिरुवनंतपुरम उतरा। प्रेस रिलीज के मुताबिक, रात 11 बजे तक C-130J विमान से लगभग 135 और लोगों के लैंड करने की उम्मीद है, जिससे कुल रेस्क्यू किए गए भारतीयों की संख्या और बढ़ जाएगी।
रेस्क्यू के लिए किन एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल हुआ?
वायुसेना ने इस मिशन में अपने हेवी-लिफ्ट एयरक्राफ्ट IL-76 और C-130J सुपर हरक्यूलिस का उपयोग किया। ये वही विमान हैं जिनसे कुछ दिन पहले श्रीलंका में राहत सामग्री और एनडीआरएफ की टीमें भेजी गई थीं। अब इन्हीं विमानों को फंसे हुए भारतीयों और अन्य नागरिकों की निकासी के लिए लगाया गया है। IL-76 और C-130J जैसे बड़े और सक्षम विमान दूरस्थ, प्रभावित और कठिन पहुंच वाले क्षेत्रों में बड़े समूहों को लाने-ले जाने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
भारत का 'सागर बंधु' मिशन—श्रीलंका को लगातार मदद
भारत चक्रवात-प्रभावित श्रीलंका की सहायता के लिए ऑपरेशन सागर बंधु के तहत लगातार मानवीय सहायता भेज रहा है। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, भारतीय वायुसेना ने अब तक कई राहत मिशन पूरे किए हैं और हेलीकॉप्टरों के जरिए 57 श्रीलंकाई सैनिकों को दियाथलावा आर्मी कैंप और कोलंबो से कोटमाले तक पहुंचाया गया है। कोटमाले श्रीलंका के मध्य प्रांत का वह इलाका है जो भारी भूस्खलन के चलते सड़कों से पूरी तरह कट चुका है। ऐसे में एयरलिफ्ट ही एकमात्र विकल्प था।
हाइब्रिड मिशन: गरुड़ कमांडो की तैनाती और एयरलिफ्ट
वायुसेना ने इस रेस्क्यू में एक हाइब्रिड ऑपरेशन चलाया।
- पहले चरण में गरुड़ कमांडो को प्रभावित इलाके में उतारा गया ताकि वे फंसे हुए लोगों तक सुरक्षित पहुंच सकें।
- इसके बाद कमांडो ने लोगों को पहले से तय लैंडिंग ज़ोन तक पहुंचाया।
- वहां से एयरफोर्स के हेलीकॉप्टरों ने उन्हें उठाकर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया।
इस मिशन में भारतीय, विदेशी नागरिकों और श्रीलंका के स्थानीय लोगों—कुल 55 आम नागरिकों को सफलतापूर्वक कोलंबो पहुंचाया गया। प्रवक्ता के अनुसार, दो भारतीय हेलीकॉप्टरों ने अब तक 12 से अधिक उड़ानें भरकर राहत और बचाव कार्यों को अंजाम दिया है। वायुसेना टीम चौबीसों घंटे बिना रुके काम कर रही है ताकि किसी भी फंसे हुए व्यक्ति को पीछे न छोड़ा जाए।
भारत की मानवीय प्रतिबद्धता उजागर
इस कठिन समय में श्रीलंका के लिए भारतीय वायुसेना की यह त्वरित और व्यापक मदद भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति और मानवीय प्रतिबद्धता को दर्शाती है। श्रीलंका में चक्रवात दितवाह ने भारी तबाही मचाई है—सड़कें टूट चुकी हैं, कई इलाके पूरी तरह कट गए हैं और संचार व्यवस्था बाधित है। ऐसे में भारत का यह समर्थन स्थानीय प्रशासन के लिए बड़ी राहत है।
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