भारत की आंतरिक और वैश्विक सुरक्षा चिंताओं के दो अलग-अलग मोर्चों पर रविवार को अहम घटनाक्रम हुए।
एक ओर ताजमहल की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत करते हुए उसे एंटी-ड्रोन तकनीक से लैस किया गया है, वहीं दूसरी ओर भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल यूरोप के छह देशों के दौरे पर रवाना हुआ है। इस डेलीगेशन का उद्देश्य है—ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले पर भारत का पक्ष वैश्विक मंचों पर स्पष्ट और सशक्त रूप में रखना।


ताजमहल की सुरक्षा को मिली एंटी-ड्रोन तकनीक, खतरे को हवा में ही रोका जाएगा

आगरा स्थित विश्वप्रसिद्ध धरोहर ताजमहल की सुरक्षा को अब और आधुनिक तकनीकों से सुसज्जित किया जा रहा है। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि इस ऐतिहासिक स्मारक को किसी भी हवाई खतरे से सुरक्षित रखने के लिए अब एंटी-ड्रोन सिस्टम लगाया जा रहा है।

CISF और यूपी पुलिस की तैनाती पहले से है, लेकिन बदलते सुरक्षा परिदृश्य और ड्रोन के जरिए संभावित आतंकी हमलों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।

एंटी-ड्रोन सिस्टम से न केवल संदिग्ध ड्रोन की पहचान होगी, बल्कि उसे हवा में ही निष्क्रिय भी किया जा सकेगा। यह प्रणाली विशेष रूप से हाई-सिक्योरिटी जोन में कारगर मानी जाती है और ताजमहल जैसे संवेदनशील स्मारक के लिए एक आवश्यक कदम है।


ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का पक्ष रखने रविशंकर प्रसाद यूरोप रवाना

एक अलग मोर्चे पर, भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में एक भारतीय डेलीगेशन 25 मई को यूरोप के लिए रवाना हुआ।

इस प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत की स्थिति से अवगत कराना है।

रविशंकर प्रसाद ने रवाना होने से पहले कहा—

“हम दुनिया को साफ-साफ बताएंगे कि भारत शांति और सद्भाव में विश्वास करता है, लेकिन अगर निर्दोष भारतीयों पर बर्बर हमला होता है तो उसका जवाब जरूर दिया जाएगा। अगर हमारी बहनों-बेटियों का सिंदूर कोई उजाड़ेगा, तो उसे ऑपरेशन सिंदूर के जरिए जवाब मिलेगा।”

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद का वैश्विक केंद्र है, और दुनिया को एकजुट होकर इस कैंसर के खिलाफ बोलना होगा।

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कौन-कौन देश शामिल हैं इस दौरे में?

रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में जो डेलीगेशन गया है, वह 25 मई से 7 जून तक इन 6 यूरोपीय देशों का दौरा करेगा:

  • फ्रांस
  • इटली
  • डेनमार्क
  • इंग्लैंड
  • बेल्जियम
  • जर्मनी

इन देशों के राजनीतिक, कूटनीतिक और मानवाधिकार संगठनों से मुलाकात कर भारत का पक्ष रखा जाएगा।

भारत से अब तक सात डेलीगेशन रवाना हो चुके हैं। इनमें से:

  • दो डेलीगेशन 21 मई को
  • एक डेलीगेशन 22 मई को
  • तीन डेलीगेशन 24 मई को
  • और अंतिम डेलीगेशन 25 मई को विदेश रवाना हुआ।

यह दोनों घटनाएं—ताजमहल की सुरक्षा को लेकर बढ़ी चौकसी और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की सक्रिय कूटनीति—इस बात का संकेत हैं कि भारत आंतरिक व बाह्य दोनों ही मोर्चों पर सुरक्षा और संप्रभुता के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करने वाला।