: जोहरान ममदानी बने न्यूयॉर्क के पहले भारतीय मूल के मुस्लिम मेयर, ट्रम्प को दी खुली चुनौती

न्यूयॉर्क, 5 नवंबर। अमेरिका में न्यूयॉर्क जैसे प्रतिष्ठित और बहुसांस्कृतिक शहर ने एक नया इतिहास रच दिया है। भारतीय मूल के डेमोक्रेटिक पार्टी उम्मीदवार जोहरान ममदानी ने न्यूयॉर्क मेयर चुनाव में शानदार जीत हासिल करते हुए न केवल अपने प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़ा, बल्कि शहर के राजनीतिक इतिहास में एक नई इबारत लिख दी। 34 वर्षीय ममदानी अब न्यूयॉर्क के पहले मुस्लिम, पहले भारतीय मूल के और सबसे युवा मेयर बन गए हैं।

वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, ममदानी ने 52 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल किए, जबकि उनके सबसे करीबी प्रतिद्वंद्वी और पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो को केवल 45 प्रतिशत वोट मिले। रिपब्लिकन उम्मीदवार कर्टिस स्लिवा 7 प्रतिशत वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। चुनावी नतीजों ने न केवल अमेरिकी राजनीति में एक नई दिशा दिखाई, बल्कि अल्पसंख्यक और दक्षिण एशियाई समुदाय के लिए यह जीत एक ऐतिहासिक उपलब्धि बन गई।

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फिल्म निर्देशक मीरा नायर के बेटे हैं ममदानी

जोहरान ममदानी प्रसिद्ध भारतीय फिल्म निर्देशक मीरा नायर और प्रोफेसर महमूद ममदानी के बेटे हैं। उनका परिवार मूल रूप से युगांडा से है, लेकिन उन्होंने अपनी पहचान अमेरिका में बनाई। राजनीति में आने से पहले ममदानी एक सामाजिक कार्यकर्ता और डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट के रूप में जाने जाते थे। न्यूयॉर्क प्रांतीय असेंबली के सदस्य रहते हुए उन्होंने आवास सुधार, सामाजिक न्याय और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर जोरदार काम किया।

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जीत के बाद बोले ममदानी – “ट्रम्प, वॉल्यूम ज़रा तेज करो”

चुनावी जीत के बाद अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए ममदानी ने एक तीखा लेकिन आत्मविश्वासी बयान दिया। उन्होंने कहा—
“जिस शहर ने डोनाल्ड ट्रम्प को पैदा किया, वही अब दुनिया को दिखाएगा कि उन्हें कैसे हराया जाता है। डोनाल्ड ट्रम्प, मुझे पता है कि आप यह देख रहे हैं — मेरे पास आपके लिए चार शब्द हैं: वॉल्यूम ज़रा तेज करो।”

ममदानी ने अपनी जीत को ‘ट्रम्पवाद’ के खिलाफ जनादेश बताया और कहा कि यह जीत सिर्फ एक व्यक्ति को हराने की नहीं है, बल्कि उस विचारधारा को खत्म करने की है जो समाज को बांटती है।

ट्रम्प का जवाब – “और अब यह शुरू होता है…”

ममदानी के भाषण के कुछ ही समय बाद पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “ट्रुथ सोशल” पर प्रतिक्रिया दी और लिखा, “…और अब यह शुरू होता है।”
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, ट्रम्प की यह प्रतिक्रिया उनके भविष्य के चुनावी अभियानों पर संकेत देती है, लेकिन साथ ही यह स्वीकारोक्ति भी है कि ममदानी का उभार अमेरिका में नई पीढ़ी की राजनीति की ओर इशारा करता है।

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लंदन के मेयर सादिक खान ने भी दी बधाई

लंदन के पहले मुस्लिम मेयर सादिक खान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “X” पर ममदानी को बधाई दी और लिखा—
“न्यूयॉर्क के लोगों के सामने दो विकल्प थे— डर और उम्मीद। उन्होंने उम्मीद को चुना। यह एक ऐतिहासिक क्षण है और ममदानी की जीत पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा है।”

युवा मतदाताओं और अल्पसंख्यक समुदायों की बड़ी भूमिका

ममदानी की जीत में अश्वेत, हिस्पैनिक और दक्षिण एशियाई मतदाताओं का बड़ा योगदान रहा। उनके अभियान का फोकस सामाजिक समानता, सस्ते आवास, सार्वजनिक परिवहन और जलवायु सुधार जैसे मुद्दों पर था।
उनकी नीतियों ने खासकर युवाओं और कामकाजी तबके को अपनी ओर आकर्षित किया। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने बार-बार कहा कि “हम एक ऐसा न्यूयॉर्क बनाएंगे, जहां हर व्यक्ति की आवाज सुनी जाए।”

ममदानी के चार बड़े चुनावी वादे

  1. घर का किराया फ्रीज करना – ताकि आम नागरिक पर महंगाई का बोझ कम हो।
  2. सभी के लिए फ्री बस सर्विस – कामकाजी वर्ग और छात्रों को राहत देने के लिए।
  3. सरकारी किराना दुकानें खोलना – आवश्यक वस्तुएं सस्ते दामों पर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से।
  4. बच्चों के लिए मुफ्त डे-केयर सुविधा – जिससे कामकाजी परिवारों, विशेषकर महिलाओं को राहत मिल सके।

ये चार वादे ममदानी के चुनावी अभियान की रीढ़ साबित हुए। उन्होंने इन्हीं मुद्दों को जनता से जोड़ते हुए कहा कि “राजनीति का मकसद सिर्फ सत्ता नहीं, बल्कि समाज की सेवा है।”

मीरा नायर और पत्नी रमा के साथ जश्न में झूमे ममदानी

चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद ममदानी के मुख्यालय में जश्न का माहौल था। समर्थक खुशी से झूम उठे जब बॉलीवुड फिल्म ‘धूम’ का मशहूर गाना “धूम मचाले” बजने लगा। मंच पर ममदानी अपनी पत्नी रमा दुबाज्जी और मां मीरा नायर के साथ मौजूद थे। पूरा हॉल तालियों और नारों से गूंज उठा।

महिला नेतृत्व का भी नया अध्याय

इसी चुनावी दौर में अमेरिका के अन्य राज्यों में भी ऐतिहासिक जीतें दर्ज हुईं। वर्जीनिया में एबिगेल स्पैनबर्गर और न्यू जर्सी में मिक्की शेरिल पहली डेमोक्रेटिक महिला गवर्नर बनीं।
पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने इसे “अमेरिका में महिला नेतृत्व का स्वर्ण अध्याय” बताया और कहा कि “आज डेमोक्रेटिक महिलाओं ने इतिहास रच दिया है।”

अमेरिकी राजनीति में नई शुरुआत

ममदानी की जीत को विश्लेषक अमेरिका की राजनीति में बदलाव की शुरुआत मान रहे हैं। वे न केवल एक नई पीढ़ी के नेता के रूप में उभरे हैं, बल्कि अल्पसंख्यक समुदायों के सशक्तिकरण का प्रतीक भी बन गए हैं।
उनका शपथ ग्रहण समारोह अगले वर्ष जनवरी में आयोजित होगा, जिसके लिए तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। यह क्षण न्यूयॉर्क और भारतीय समुदाय — दोनों के लिए गौरवपूर्ण है।