चंडीगढ़ में यूट्यूबर की गिरफ्तारी पर उठा बवाल, पुलिस-पक्ष और वकील की दलीलें आमने-सामने
चंडीगढ़। पाकिस्तान के लिए जासूसी के गंभीर आरोपों में गिरफ्तार यूट्यूबर जसबीर सिंह की मुश्किलें अभी खत्म होती नहीं दिख रहीं। पंजाब पुलिस ने शनिवार को मोहाली की अदालत में उसे पेश किया, जहां से अदालत ने दो दिन की और रिमांड मंजूर कर दी।
यूट्यूब चैनल ‘जान महल’ से जुड़े जसबीर सिंह के चैनल पर 10 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं और वह सोशल मीडिया पर एक चर्चित नाम माना जाता है। लेकिन अब उसी डिजिटल मंच के ज़रिये पाकिस्तान से कथित तौर पर संपर्क और सूचना साझा करने का संदेह जताया जा रहा है।
पुलिस ने मांगा था सात दिन का रिमांड
पुलिस ने अदालत में पेश करते हुए कहा कि जसबीर सिंह से लैपटॉप, फोन और अन्य डिजिटल उपकरणों की फॉरेंसिक जांच अभी शेष है। पुलिस का दावा है कि इस यूट्यूबर के पाकिस्तान से संपर्कों की गहराई से जांच ज़रूरी है, इसलिए सात दिन की रिमांड की मांग की गई थी। हालांकि अदालत ने फिलहाल केवल दो दिन की रिमांड की अनुमति दी।
वकील ने पुलिस की मंशा पर उठाए सवाल
जसबीर सिंह की ओर से पेश वकील ने अदालत में दलील दी कि यह गिरफ्तारी केवल वाहवाही लूटने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि पुलिस के पास कोई ठोस सबूत नहीं है, और यह गिरफ्तारी इसलिए की गई क्योंकि हरियाणा पुलिस ने जसबीर को पूछताछ के लिए समन भेजा था, जिसके बाद पंजाब पुलिस ने बिना ठोस आधार के उसे पकड़ लिया।
वकील के अनुसार, “सरकारी वकील ने अदालत में न तो पाकिस्तान के यूट्यूबर नासिर ढिल्लों का कोई ज़िक्र किया, और न ही किसी ‘गर्लफ्रेंड’ की बात की। यह पूरी कार्रवाई केवल संदेह के आधार पर की गई है।”
पहले से सौंप चुके हैं डिजिटल डिवाइस
जसबीर के वकील ने दावा किया कि फोन, लैपटॉप और अन्य डिवाइस पहले ही पुलिस को सौंपे जा चुके हैं। इसके बावजूद पुलिस बार-बार पूछताछ कर रही है। वकील ने यह भी कहा कि “14 दिन पहले जब पुलिस ने पूछताछ की थी, तब भी हमने पूरा सहयोग किया था। फिर अब एफआईआर दर्ज करना और दोबारा रिमांड मांगना न्यायसंगत नहीं है।”
पाकिस्तान दौरे को लेकर संदेह
बताया जा रहा है कि जसबीर सिंह अब तक तीन बार पाकिस्तान की यात्रा कर चुके हैं। पुलिस इन्हीं दौरों की प्रकृति और वहां किन लोगों से संपर्क हुआ, इस बिंदु पर जानकारी इकट्ठा कर रही है। हालांकि वकील का कहना है कि ये दौरे सांस्कृतिक और व्यक्तिगत स्तर पर हुए थे, जिनका किसी जासूसी गतिविधि से कोई लेना-देना नहीं है।
सोशल मीडिया पर भी बहस गर्म
इस मामले के बाद सोशल मीडिया पर भी मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। जहां एक ओर कुछ लोग जसबीर सिंह की देशभक्ति और यूट्यूब पर सामाजिक संवाद की तारीफ करते हैं, वहीं कई यूजर्स यह सवाल उठा रहे हैं कि यदि कोई भारतीय नागरिक बार-बार पाकिस्तान जाए और फिर उसके बैंक खातों की जांच हो, तो संदेह होना स्वाभाविक है।
निष्कर्षतः…
जसबीर सिंह का मामला सिर्फ एक जांच प्रक्रिया नहीं, बल्कि डिजिटल युग में बढ़ती जासूसी की आशंकाओं और सोशल मीडिया की भूमिका को लेकर भी कई सवाल खड़े करता है। क्या जसबीर निर्दोष हैं और महज राजनीतिक दिखावे का शिकार? या फिर यह मामला भारत-पाक संबंधों और साइबर नेटवर्किंग के खतरों का एक नया चेहरा है?
यह तो आने वाले दिनों में ही स्पष्ट होगा, लेकिन फिलहाल जसबीर सिंह अदालत की निगरानी में पुलिस रिमांड पर हैं और उन पर लगे आरोपों की जांच की अगली कड़ी अब पुलिस के हाथ में है।
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