पंजाब में यूट्यूबर जासबीर सिंह गिरफ्तार, ISI से संबंध और विदेशी फंडिंग के आरोप
मोहाली/रूपनगर। पंजाब पुलिस के स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (SSOC) ने जासूसी के आरोप में एक यूट्यूबर जासबीर सिंह को गिरफ्तार किया है। रूपनगर के गांव महलां निवासी जासबीर सिंह को मोहाली से गिरफ्तार कर तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है। वह यूट्यूब पर “जान महल” नाम का चैनल चलाता है, जिसके 1.1 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर हैं।
इस गिरफ्तारी ने देश में सोशल मीडिया के जरिए संभावित जासूसी नेटवर्क को लेकर सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है, खासकर तब जब पहले से ही हरियाणा की व्लॉगर ज्योति मल्होत्रा और पाकिस्तानी नागरिक दानिश (एहसान-उर-रहीम) से संबंधित नेटवर्क की जांच चल रही है।
पाकिस्तानी संपर्क और कार्यक्रम में भागीदारी
पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने जानकारी दी कि जासबीर सिंह के पाकिस्तानी मूल के PIO (Person of Indian Origin) शाकिर उर्फ जट्ट रंधावा, पाकिस्तान उच्चायोग से निष्कासित अधिकारी दानिश और हरियाणा की व्लॉगर ज्योति मल्होत्रा से करीबी संबंध थे।
जांच में यह भी सामने आया कि जासबीर सिंह 2020, 2021 और 2024 में तीन बार पाकिस्तान की यात्रा कर चुका है।
वह दिल्ली में पाकिस्तान राष्ट्रीय दिवस कार्यक्रम में भी शामिल हुआ था, जहां उसने पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों और व्लॉगर्स से सीधी मुलाकात की थी।

फोन से मिले पाक खुफिया अधिकारियों के नंबर
जांच एजेंसियों ने जासबीर सिंह के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के कुछ अफसरों के मोबाइल नंबर बरामद किए हैं, जिन्हें उसने अलग-अलग नामों से सेव कर रखा था।
ज्योति मल्होत्रा से पूछताछ के दौरान भी जासबीर का नाम सामने आया था, जिसके बाद उसे नज़र में लिया गया और फिर गिरफ्तार किया गया।
जासूसी का संगठित नेटवर्क?
SSOC के डीएसपी पवन शर्मा के मुताबिक, ज्योति मल्होत्रा और जासबीर सिंह दोनों पाकिस्तान के संपर्क में रहे हैं, और दोनों ने अपनी पहचान छिपाने के लिए डिजिटल साक्ष्य मिटाने की कोशिश भी की।
जासबीर के खिलाफ मोहाली में केस दर्ज किया गया है और फोन, वित्तीय दस्तावेज व अन्य इलेक्ट्रॉनिक डेटा की फोरेंसिक जांच जारी है।
तीन मुख्य आरोप
जासबीर सिंह के वकील एडवोकेट माधव शुक्ला ने गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके मुवक्किल को बिना ठोस सबूत के पकड़ा गया है।
पुलिस एफआईआर में तीन गंभीर आरोप दर्ज हैं:
- विदेशी फंडिंग प्राप्त करना
- ISI से संपर्क में रहना
- संवेदनशील डेटा रखना
वकील का कहना है कि जासबीर सिंह एक जिम्मेदार नागरिक की तरह हमेशा जांच एजेंसियों के सामने पेश होते रहे, और पुलिस के पास ठोस साक्ष्य नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हमने बैंक स्टेटमेंट, वित्तीय डेटा और मोबाइल डिवाइस भी जमा किए हैं, पर राज्य विशेष अभियान सेल ने इन पर गौर नहीं किया।
अगली पेशी 7 जून को
अदालत ने जासबीर को तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है, और अब उसे 7 जून को दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस का कहना है कि उन्हें अभी फोरेंसिक और डिजिटल साक्ष्य की जांच से और जानकारी मिलने की उम्मीद है।
सोशल मीडिया बनता जा रहा है संवेदनशीलता का केंद्र
यह मामला एक बार फिर दर्शाता है कि कैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग खुफिया नेटवर्क और प्रोपेगैंडा अभियानों में किया जा सकता है। लाखों सब्सक्राइबर्स वाले यूट्यूब चैनल के जरिए भारत विरोधी एजेंडा चलाने की कोशिश, सुरक्षा एजेंसियों के लिए गहरी चिंता का विषय बन गई है।
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