राष्ट्रीय संगोष्ठी में बोले – फर्जी अकाउंट बनाकर जातीय संघर्ष फैलाने की कोशिशें हो रहीं
कांवड़ यात्रियों को उपद्रवी बताने वालों की मानसिकता आस्था का अपमान: सीएम योगी
वाराणसी।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को वाराणसी में एक राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कांवड़ यात्रा और आस्था को बदनाम करने वालों पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कांवड़ यात्रियों को ‘उपद्रवी’ और यहां तक कि ‘आतंकवादी’ कहकर समाज में नकारात्मकता फैला रहे हैं। ये मानसिकता न केवल हमारी धार्मिक परंपराओं का अपमान है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत को भी नुकसान पहुंचा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वसंता महिला महाविद्यालय, राजघाट में आयोजित ‘बिरसा मुंडा की विरासत, आदिवासी सशक्तीकरण और राष्ट्रीय आंदोलन’ विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित किया। यह संगोष्ठी महाविद्यालय एवं भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई थी।

कांवड़ यात्रा को गलत ढंग से पेश करने की साजिश
मुख्यमंत्री ने कहा कि सावन में लाखों श्रद्धालु बड़ी श्रद्धा और नियमों के साथ सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा करते हैं। “वे हर-हर बम बोलते हुए 200, 300, 400 किलोमीटर पैदल चलकर भोलेनाथ का जलाभिषेक करने जाते हैं। लेकिन कुछ लोग मीडिया ट्रायल के जरिये उन्हें उपद्रवी बता देते हैं।” उन्होंने इस मानसिकता की निंदा करते हुए इसे भारतीय आस्था और संस्कृति पर सीधा हमला बताया।

फेक अकाउंट और जातीय संघर्ष फैलाने की कोशिश
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाकर जातीय तनाव फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्ती से निपटने की चेतावनी दी और समाज से भी सतर्क रहने की अपील की। उन्होंने एक पुरानी घटना का जिक्र करते हुए बताया कि “एक आगजनी में भगवा गमछा ओढ़े एक व्यक्ति को लोग साधु समझ रहे थे, लेकिन जब गमछा गिरा तो उसके मुंह से निकला ‘या अल्लाह’। ऐसे लोग समाज को भ्रमित करते हैं।”
मुहर्रम की घटना का उल्लेख, कहा– ‘बातों से नहीं मानते तो लाठी मारो’
मुख्यमंत्री ने जौनपुर में मुहर्रम के दौरान हुई एक घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार ने ताजिए की ऊंचाई को लेकर निर्देश जारी किए थे, ताकि बिजली की लाइनों या पेड़ों को नुकसान न पहुंचे। लेकिन इन निर्देशों का पालन न करने के कारण हादसा हुआ जिसमें तीन लोगों की जान गई। उन्होंने कहा, “बाद में उपद्रव शुरू हुआ तो मैंने स्पष्ट निर्देश दिया – इन पर लाठी चलाओ, ये लोग बातों से नहीं मानते।”
भगवान बिरसा मुंडा को किया नमन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संगोष्ठी में आदिवासी समाज और भगवान बिरसा मुंडा के योगदान को भी याद किया। उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा ने देश की स्वतंत्रता और आदिवासी अधिकारों के लिए संघर्ष किया। जनजातीय समाज ने सदैव देश और धर्म की रक्षा में अहम भूमिका निभाई है, चाहे वह भगवान राम हों, श्रीकृष्ण हों, या फिर महाराणा प्रताप और शिवाजी महाराज जैसे राष्ट्रनायकों का समय रहा हो।
इस अवसर पर पद्मश्री अशोक भगत ने भी बिरसा मुंडा की बहुआयामी विरासत पर विस्तार से चर्चा की।
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