उत्तरकाशी। विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग पर सोमवार शाम बड़ा हादसा हो गया। नौ कैंची बैंड के पास अचानक चट्टान खिसकने से भूस्खलन हुआ, जिसमें कई तीर्थयात्रियों के मलबे में दबने की आशंका है। हादसा शाम करीब 4 बजे हुआ, जब मौसम साफ था और बड़ी संख्या में श्रद्धालु यमुनोत्री की ओर बढ़ रहे थे।
घटना की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) और यमुनोत्री पुलिस की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। अब तक एक तीर्थयात्री को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जिसे प्राथमिक उपचार के लिए जानकीचट्टी अस्पताल ले जाया गया। चिकित्सक डॉ. हरदेव सिंह पंवार ने बताया कि मरीज की हालत अब स्थिर है और वह खतरे से बाहर है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताए चौंकाने वाले दृश्य
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा अचानक दरक गया और भारी मलबा पैदल मार्ग पर आ गिरा। लोगों के अनुसार कम से कम दो से तीन श्रद्धालु मलबे में दब गए हैं। हालांकि मलबा हटाने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि कुल कितने लोग हादसे की चपेट में आए हैं।

जिला प्रशासन कर रहा निगरानी
जिलाधिकारी प्रशांत कुमार आर्य खुद स्मार्ट कंट्रोल रूम से रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं। जिला परिचालन केंद्र ने बताया कि अन्य दबे यात्रियों की तलाश जारी है और घटनास्थल पर लगातार मलबा हटाने का कार्य चल रहा है। मौके पर भारी संख्या में पुलिसकर्मी, राहतकर्मी और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी मौजूद हैं।
आवाजाही पर रोक
पुलिस ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए फिलहाल नौ कैंची बैंड के आसपास पैदल आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। यात्रियों को वैकल्पिक मार्गों से वापस लौटने या इंतजार करने की सलाह दी गई है। इस भूस्खलन के कारण न सिर्फ श्रद्धालुओं की जान खतरे में पड़ी, बल्कि चारधाम यात्रा व्यवस्था पर भी सवाल उठ खड़े हुए हैं।
लगातार भूस्खलन की आशंका
विशेषज्ञों का मानना है कि हिमालयी क्षेत्र में लगातार मानवीय हस्तक्षेप और गर्मी के दिनों में चट्टानों की प्राकृतिक कमजोरी के चलते ऐसे हादसों की संभावना बढ़ जाती है। तेज धूप और तापमान में अचानक वृद्धि भी चट्टानों के दरकने में योगदान देती है।
यात्रा पर प्रभाव
भूस्खलन की यह घटना चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता पैदा कर रही है। यमुनोत्री धाम का यह मार्ग हर साल हजारों श्रद्धालुओं का आवागमन देखता है। इसलिए प्रशासन के लिए यह जरूरी हो गया है कि ऐसे संवेदनशील स्थानों पर विशेष सतर्कता और तकनीकी निगरानी व्यवस्था की जाए।
फिलहाल मलबा हटाने और दबे यात्रियों को निकालने का काम जारी है। प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों से घबराने नहीं, बल्कि धैर्य और संयम बनाए रखने की अपील की है।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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